Dussehra 2025: रावण दहन से लेकर माँ दुर्गा की पूजा तक, इस दिन के हर पहलू पर एक नज़र
April 4, 2025 2025-04-04 2:35Dussehra 2025: रावण दहन से लेकर माँ दुर्गा की पूजा तक, इस दिन के हर पहलू पर एक नज़र
Dussehra 2025: रावण दहन से लेकर माँ दुर्गा की पूजा तक, इस दिन के हर पहलू पर एक नज़र
Dussehra 2025: यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसे रावण दहन के रूप में मनाया जाता है, जिसमें रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। दशहरा विशेष रूप से रामायण के अनुसार भगवान राम की रावण पर विजय के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को शस्त्र पूजन और विजय दशमी के रूप में भी मनाया जाता है, जो लोगों को साहस और प्रेरणा प्रदान करता है।

दशहरा 2025 कब है?
दशहरा 2025 2 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
इसे विजयादशमी भी कहा जाता है और यह अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
दशहरा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था,
और माँ दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
दशहरा के प्रमुख अनुष्ठान और परंपराएँ
रावण दहन
देशभर में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं।
यह प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का।
इस दौरान रामलीला का मंचन भी किया जाता है।
शस्त्र पूजन
दशहरा के दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है।
यह परंपरा क्षत्रिय और योद्धाओं द्वारा निभाई जाती है।
दुर्गा विसर्जन
कई स्थानों पर नवरात्रि के बाद माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
भक्तगण “अगले वर्ष फिर आने” की कामना करते हैं।
विजय यात्रा और रामलीला
इस दिन रामलीला के मंचन के बाद भगवान राम की विजय यात्रा निकाली जाती है।
राम-सीता और लक्ष्मण की झांकी सजाई जाती है।
दशहरा पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
अपने बड़ों का आशीर्वाद लें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
नया कार्य या व्यापार प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।
क्या न करें:
क्रोध, अहंकार और नकारात्मकता से बचें।
किसी का अनादर न करें और गलत कार्यों में शामिल न हों।
झूठ बोलने और छल-कपट करने से दूर रहें।
निष्कर्ष
दशहरा हमें यह सिखाता है कि चाहे कितनी भी कठिनाई आए,
सत्य और धर्म की जीत अवश्य होती है।
2 अक्टूबर 2025 को यह पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाएँ और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएँ।
🙏 “जय श्री राम!” 🙏