Buddha Purnima 2025: इस दिन विशेष पूजन विधि और भगवान बुद्ध के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि कैसे पाएँ?
April 4, 2025 2025-04-04 2:35Buddha Purnima 2025: इस दिन विशेष पूजन विधि और भगवान बुद्ध के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि कैसे पाएँ?
Buddha Purnima 2025: इस दिन विशेष पूजन विधि और भगवान बुद्ध के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि कैसे पाएँ?
Buddha Purnima 2025: यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, उनकी महापरिनिर्वाण और उनकी प्राप्ति के दिवस के रूप में मनाया जाता है। बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद दुनिया को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। लोग इस दिन उपवासी रहते हैं, ध्यान करते हैं और बुद्ध के उपदेशों का पालन करने का संकल्प लेते हैं। बुद्ध पूर्णिमा एक अवसर है, जब लोग अपने जीवन में आत्मचिंतन और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा 2025 कब है?
बुद्ध पूर्णिमा 2025 12 मई (सोमवार) को मनाई जाएगी। यह पर्व वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है
और इसे भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में भी जाना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।
इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण हुआ था। यह दिन अहिंसा, शांति और करुणा का संदेश देता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर प्रमुख अनुष्ठान और परंपराएँ
भगवान बुद्ध की पूजा और ध्यान
इस दिन मंदिरों में बुद्ध की मूर्ति का स्नान कराया जाता है।
धूप, दीप, फूल और प्रसाद अर्पित किया जाता है।
ध्यान और प्रार्थना कर आत्मशुद्धि की जाती है।
दान और सेवा कार्य
गरीबों को भोजन, वस्त्र और दान देना शुभ माना जाता है।
पक्षियों और जानवरों को दाना और पानी दिया जाता है।
त्रिपिटक ग्रंथों का पाठ
इस दिन बौद्ध धर्म के प्रमुख ग्रंथों का पाठ किया जाता है।
भगवान बुद्ध के उपदेशों को पढ़ने और समझने का प्रयास किया जाता है।
पंचशील का पालन
सत्य, अहिंसा, संयम, परोपकार और सरलता का पालन किया जाता है।
किसी भी प्रकार की हिंसा, झूठ और बुरी आदतों से दूर रहने की प्रतिज्ञा ली जाती है।
बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
ध्यान, प्रार्थना और शांति का अभ्यास करें।
जरूरतमंदों की सहायता करें और दान दें।
सात्विक भोजन करें और संयम बरतें।
क्या न करें:
मांसाहार और नशे से दूर रहें।
क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार से बचें।
किसी भी प्रकार की हिंसा न करें।
निष्कर्ष
बुद्ध पूर्णिमा आत्मचिंतन, शांति और करुणा का पर्व है।
12 मई 2025 को इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएँ।
🙏 “बुद्धं शरणं गच्छामि!” 🙏