Navratri 2025: नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त
March 30, 2025 2025-03-31 2:16Navratri 2025: नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त
Navratri 2025: नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त
Navratri 2025: नवरात्रि हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो नौ दिन तक देवी दुर्गा की पूजा और उपासना का समय होता है। यह पर्व देवी शक्ति के विभिन्न रूपों की आराधना के साथ, आत्मशुद्धि और सकारात्मकता की ओर मार्गदर्शन करता है। नवरात्रि के दौरान व्रत, उपवास और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक ताकत को बढ़ाते हैं।

Navratri 2025 कब है? जानिए तारीख और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 29 मार्च 2025 शनिवार से हो रही है, और इसका समापन 6 अप्रैल 2025 रविवार को राम नवमी के साथ होगा। नवरात्रि का यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए जाना जाता है।
Navratri 2025 की मुख्य तिथियां:
दिन | तिथि | देवी का रूप |
---|---|---|
शनिवार | 29 मार्च | शैलपुत्री पूजा |
रविवार | 30 मार्च | ब्रह्मचारिणी पूजा |
सोमवार | 31 मार्च | चंद्रघंटा पूजा |
मंगलवार | 1 अप्रैल | कूष्मांडा पूजा |
बुधवार | 2 अप्रैल | स्कंदमाता पूजा |
गुरुवार | 3 अप्रैल | कात्यायनी पूजा |
शुक्रवार | 4 अप्रैल | कालरात्रि पूजा |
शनिवार | 5 अप्रैल | महागौरी पूजा |
रविवार | 6 अप्रैल | सिद्धिदात्री पूजा व राम नवमी |
नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व
नवरात्रि का अर्थ है “नौ रात्रियाँ”, जो देवी शक्ति के नौ रूपों को समर्पित हैं।
इस दौरान भक्त उपवास, पूजन, साधना और मंत्रोच्चारण करते हैं। यह समय आत्मशुद्धि, साधना और शक्ति-संचय का होता है।
माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है।
यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
नवरात्रि पूजन विधि और व्रत नियम
पूजन की तैयारी:
- घर की सफाई करके पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
- कलश स्थापना करें (घट स्थापना)।
- माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- लाल वस्त्र, फूल, चावल, फल, नारियल आदि से पूजा करें।
- रोज़ाना दुर्गा सप्तशती, आरती व मंत्र का पाठ करें।
व्रत के नियम:
- नौ दिन तक उपवास रखें या फलाहार करें।
- तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज, मांस-मदिरा से परहेज करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- नवरात्रि के दौरान संयमित जीवनशैली अपनाएं।
नवरात्रि 2025 पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घट स्थापना मुहूर्त:
29 मार्च 2025, शनिवार को प्रातः 06:12 बजे से 08:43 बजे तक
यह मुहूर्त घट स्थापना के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूप और उनके लाभ
- शैलपुत्री: साहस और स्थिरता देती हैं
- ब्रह्मचारिणी: तप, संयम और ज्ञान की देवी
- चंद्रघंटा: भय से मुक्ति और रक्षा प्रदान करती हैं
- कूष्मांडा: स्वास्थ्य और ऊर्जा की देवी
- स्कंदमाता: संतान सुख और विजय देती हैं
- कात्यायनी: विवाह की बाधाएं दूर करती हैं
- कालरात्रि: नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं
- महागौरी: पापों से मुक्ति और शांति देती हैं
- सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों की प्रदाता देवी
नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें
करें:
- रोज़ सुबह-शाम माँ की आरती करें
- भजन-कीर्तन और मंत्रों का जाप करें
- कन्या पूजन और दान का विशेष महत्त्व है
- गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें
न करें:
- अपशब्द, झूठ और क्रोध से बचें
- तामसिक आहार बिल्कुल न लें
- व्रत में दिन में सोना वर्जित है
- शारीरिक और मानसिक अशुद्धता से बचें
नवरात्रि पर माँ दुर्गा के मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥”
इन मंत्रों का जप नवरात्रि में विशेष फलदायी होता है।
नवरात्रि 2025 के लाभ
- जीवन में शक्ति और आत्मविश्वास की वृद्धि
- बाधाओं से मुक्ति और सफलता की प्राप्ति
- पारिवारिक सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य
- आध्यात्मिक जागृति और शुद्धि
- माँ दुर्गा की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं
नवरात्रि का समापन और कन्या पूजन
अष्टमी या नवमी तिथि को नौ कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इन्हें देवी का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है और उन्हें नए वस्त्र, फल, मिठाई और दक्षिणा दी जाती है।
निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 आत्मशक्ति, भक्ति और साधना का पर्व है। यह समय है माँ दुर्गा के नौ रूपों की कृपा प्राप्त करने का।
इन नौ दिनों में अगर श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत-पूजन किया जाए तो जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
आइए, इस नवरात्रि माँ भगवती के चरणों में स्वयं को समर्पित करें और अपने जीवन को सफल बनाएं।
जय माता दी! 🌺🙏