Guru Purnima 2025: इस दिन के विशेष महत्व को समझें और गुरु के आशीर्वाद से पाएं सफलता
April 4, 2025 2025-04-04 2:48Guru Purnima 2025: इस दिन के विशेष महत्व को समझें और गुरु के आशीर्वाद से पाएं सफलता
Guru Purnima 2025: इस दिन के विशेष महत्व को समझें और गुरु के आशीर्वाद से पाएं सफलता
Guru Purnima 2025: यह दिन गुरु की पूजा और सम्मान के लिए समर्पित होता है, खासकर उन शिक्षकों और मार्गदर्शकों के प्रति जिनसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस दिन विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों में गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने की परंपरा है। लोग अपने गुरु को श्रद्धा और सम्मान प्रदान करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गुरु पूर्णिमा का पर्व विद्यार्थियों के लिए भी खास होता है, क्योंकि यह उन्हें अपनी शिक्षा और जीवन में मार्गदर्शन प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।

गुरु पूर्णिमा 2025 कब है?
गुरु पूर्णिमा 2025 10 जुलाई को मनाई जाएगी। यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है
और इसे वेद व्यास जयंती के रूप में भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में गुरुओं को सम्मान देने का पावन अवसर है।
यह दिन उन महान शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने अपने ज्ञान और आशीर्वाद से समाज को दिशा दी। यह दिन महर्षि वेद व्यास की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है,
जिन्होंने वेदों और महाभारत की रचना की थी।
गुरु पूर्णिमा पर करने योग्य कार्य
गुरु पूजन और आशीर्वाद ग्रहण
अपने गुरु के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें।
गुरु को वस्त्र, फल और दक्षिणा भेंट करें।
यदि गुरु सशरीर उपलब्ध न हों, तो उनके चित्र या मूर्ति की पूजा करें।
आध्यात्मिक साधना और ध्यान
इस दिन ध्यान, योग और भक्ति में समय बिताना श्रेष्ठ माना जाता है।
अपने गुरु द्वारा दिए गए उपदेशों का पालन करने का संकल्प लें।
धार्मिक अनुष्ठान और कथा श्रवण
इस दिन महर्षि वेद व्यास और अन्य गुरुओं की कथाएँ सुनना शुभ माना जाता है।
मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है।
दान और सेवा कार्य
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
गुरुकुलों और आश्रमों में सहायता प्रदान करें।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें।
अपने गुरु द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन करें।
आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।
क्या न करें:
अहंकार और नकारात्मक विचारों से बचें।
अपने गुरु की अवहेलना न करें।
क्रोध और द्वेष से दूर रहें।
निष्कर्ष
गुरु पूर्णिमा एक पवित्र पर्व है जो हमें गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना जाग्रत करने की प्रेरणा देता है।
2025 में यह पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा।
इस दिन अपने गुरु को नमन करें और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
🙏 “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।।” 🙏