26 January Speech: गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के 6 दिलचस्प तरीके जो सबको करेंगे प्रभावित!
January 10, 2025 2025-01-10 14:1726 January Speech: गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के 6 दिलचस्प तरीके जो सबको करेंगे प्रभावित!
26 January Speech: गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के 6 दिलचस्प तरीके जो सबको करेंगे प्रभावित!
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माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सम्मानीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,
सुप्रभात।
आज हम सब यहाँ एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन है 26 जनवरी,
जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है।
26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
आज का दिन हमें हमारे देश की गौरवशाली परंपरा,
हमारे संविधान और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की याद दिलाता है।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व
हमारे देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, लेकिन यह केवल स्वतंत्रता का प्रारंभ था।
हमारे देश को एक ऐसे ढांचे की आवश्यकता थी,
जो हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करे, हर धर्म और संस्कृति को समान मान्यता दे और देश को एक सशक्त लोकतंत्र बनाए।
इसके लिए भारतीय संविधान की रचना की गई।
संविधान सभा, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने प्रमुख भूमिका निभाई, ने कड़ी मेहनत और गहन चर्चा के बाद एक ऐसा संविधान तैयार किया,
जो न केवल हमारे देश के लिए आदर्श है,
बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है।
26 जनवरी का दिन इसलिए भी चुना गया,
क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया था।
इस दिन को गणराज्य बनने के लिए चुनकर,
हमने स्वतंत्रता संग्राम के उस ऐतिहासिक क्षण को अमर बना दिया।
हमारे संविधान की विशेषताएं
हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
इसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं।
यह हमें अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी ज्ञान कराता है।
- मौलिक अधिकार: हमारे संविधान ने हमें छह मौलिक अधिकार दिए हैं,
जैसे कि समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार। - लोकतांत्रिक संरचना: यह सुनिश्चित करता है कि देश के हर नागरिक को अपनी सरकार चुनने का अधिकार मिले।
- धर्मनिरपेक्षता और समानता: हमारा संविधान सभी धर्मों और समुदायों को समान रूप से मान्यता देता है।
स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान
आज का दिन हमें उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है,
जिन्होंने देश को स्वतंत्र और गणराज्य बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, सरदार वल्लभभाई पटेल, और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे अनगिनत महानायकों के त्याग और संघर्ष के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र गणराज्य में जी रहे हैं।
आज के समय में गणतंत्र की प्रासंगिकता
आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
चाहे वह विज्ञान और तकनीकी हो, शिक्षा हो, खेल हो, या फिर कला और संस्कृति।
हम दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं।
लेकिन, इस प्रगति के साथ हमें अपने कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए।
हमारे संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं, लेकिन ये अधिकार तब तक सार्थक हैं जब तक हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
स्वच्छ भारत, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल भारत जैसे अभियानों में हम सभी की भागीदारी होनी चाहिए।
हमारे सैनिकों और सुरक्षाबलों का योगदान
आज का दिन हमारे उन वीर जवानों को भी समर्पित है,
जो हमारे देश की सीमाओं पर तैनात रहकर हमारी सुरक्षा करते हैं।
चाहे वह कारगिल की लड़ाई हो, या वर्तमान में सीमा पर होने वाले संघर्ष,
हमारे सैनिक हर स्थिति में देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। हमें उनके बलिदान और देशभक्ति पर गर्व है।
26 January Speech
हमारी जिम्मेदारियां
आज के दिन हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने देश को और बेहतर बनाएंगे।
- हम भ्रष्टाचार से लड़ेंगे।
- हम शिक्षा का प्रचार-प्रसार करेंगे।
- हम महिलाओं का सम्मान करेंगे और उन्हें समान अवसर देंगे।
- हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे।
- और सबसे महत्वपूर्ण, हम भारत को एकता और अखंडता में बांधे रखेंगे।
26 January Speech निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, यह हमारे लिए आत्ममंथन का दिन है।
हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि हम अपने देश की प्रगति के लिए क्या योगदान दे सकते हैं।
हमारे युवा देश की सबसे बड़ी ताकत हैं।
उनके सपने और उनकी मेहनत ही भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बना सकते हैं।
मैं अपने भाषण को एक प्रेरणादायक पंक्ति के साथ समाप्त करना चाहूंगा:
“ना पूछो जमाने से, क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम हिंदुस्तानी हैं।”
जय हिंद! जय भारत!