रक्षाबंधन कब है: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन कब है 2025 में? जानें राखी के शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
April 5, 2025 2025-04-05 4:50रक्षाबंधन कब है: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन कब है 2025 में? जानें राखी के शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
रक्षाबंधन कब है: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन कब है 2025 में? जानें राखी के शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
रक्षाबंधन कब है: रक्षाबंधन भारत में मनाए जाने वाले सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और आपसी विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु और सफलता की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

रक्षाबंधन 2025 कब है?
रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
साल 2025 में रक्षाबंधन 09 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल रहता है,
और भाई-बहन अपने रिश्ते को और मजबूत करने के लिए एक-दूसरे को उपहार और शुभकामनाएं देते हैं।
रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि सही समय पर राखी बांधने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: सुबह 05:47 बजे से 1:44 बजे तक
🔹 पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 08 अगस्त 2025, 2:12 बजे
🔹 पूर्णिमा तिथि समाप्त: 09 अगस्त 2025, 01:24 बजे
टिप्पणी: भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित माना जाता है, इसलिए शुभ मुहूर्त में ही यह कार्य करना चाहिए।
रक्षाबंधन का महत्व और इसकी पौराणिक कथाएँ
रक्षाबंधन का त्यौहार न केवल हिंदू संस्कृति में बल्कि भारतीय समाज में भी एक विशेष स्थान रखता है।
यह पर्व भाई-बहन के प्रेम के अलावा धर्म, रक्षा और त्याग के मूल्यों को भी दर्शाता है।
श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा
महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा।
यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया।
इस प्रेमपूर्ण कार्य से श्रीकृष्ण भावविभोर हो गए और उन्होंने वचन दिया कि वे जीवनभर द्रौपदी की रक्षा करेंगे। इसी कारण चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने उनकी लाज बचाई।
राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर दानवीर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उन्हें पाताल लोक में भेज दिया,
तब माता लक्ष्मी चिंतित हो गईं। उन्होंने राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया और बदले में भगवान विष्णु को अपने साथ ले जाने का वचन प्राप्त किया।
रानी कर्णावती और हुमायूं की कथा
मध्यकालीन इतिहास में भी रक्षाबंधन का एक महत्वपूर्ण संदर्भ मिलता है।
जब चित्तौड़ की रानी कर्णावती को गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से खतरा महसूस हुआ,
तो उन्होंने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा की गुहार लगाई। हुमायूं ने इसे बहन का सम्मान मानते हुए अपनी सेना लेकर चित्तौड़ की रक्षा के लिए प्रस्थान किया।
रक्षाबंधन की पारंपरिक पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन विशेष पूजा-विधि का पालन किया जाता है।
इस दिन बहनें विशेष रूप से अपने भाइयों के लिए व्रत रखती हैं और शुभ मुहूर्त में राखी बांधती हैं।
रक्षाबंधन पूजन विधि:
- स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण करें – इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजा की थाली सजाएं – थाली में राखी, रोली, अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई और नारियल रखें।
- भगवान का आह्वान करें – भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
- भाई को तिलक करें – भाई के माथे पर रोली और चावल का तिलक लगाएं।
- राखी बांधें – भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके मंगलमय जीवन की कामना करें।
- मिठाई खिलाएं – भाई को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दें।
उपहारों का आदान-प्रदान करें – भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा का संकल्प लेता है।
रक्षाबंधन पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
शुभ मुहूर्त में राखी बांधें।
भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उपहारों का आदान-प्रदान करें।
घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और परिवार के साथ समय बिताएं।
क्या न करें:
भद्राकाल में राखी न बांधें।
किसी से झगड़ा या कटु शब्दों का प्रयोग न करें।
राखी को बस एक औपचारिकता न समझें, बल्कि इसके भावनात्मक महत्व को अपनाएं।
रक्षाबंधन पर भाई को क्या गिफ्ट दें?
यदि आप अपने भाई को खास महसूस कराना चाहते हैं, तो इन उपहारों में से कोई एक चुन सकते हैं:
- घड़ी या वॉलेट – क्लासिक और स्टाइलिश उपहार।
- इलेक्ट्रॉनिक्स – ब्लूटूथ स्पीकर, स्मार्टवॉच या वायरलेस ईयरफोन।
- कपड़े और एक्सेसरीज़ – ब्रांडेड शर्ट, जैकेट या सनग्लासेस।
- हस्तनिर्मित उपहार – अपने हाथों से बना कोई गिफ्ट भाई के लिए यादगार रहेगा।
- फिटनेस गैजेट्स – फिटनेस बैंड या जिम किट सेहतप्रेमी भाइयों के लिए बेहतरीन विकल्प है।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रेम, समर्पण और सुरक्षा का बंधन है।
यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है
और परिवार में खुशी और उल्लास लाता है।
इस साल 2025 में, 09 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाएं और अपने भाई-बहन के साथ इस अनमोल रिश्ते का आनंद लें।