Prayagraj Sangam: संगम नगरी प्रयागराज घुमने का है मन तो इन स्थानों पर जाना न भूले, हमेशा पर्यटकों की लगी रहती है भीड़
February 18, 2025 2025-02-18 15:11Prayagraj Sangam: संगम नगरी प्रयागराज घुमने का है मन तो इन स्थानों पर जाना न भूले, हमेशा पर्यटकों की लगी रहती है भीड़
Prayagraj Sangam: संगम नगरी प्रयागराज घुमने का है मन तो इन स्थानों पर जाना न भूले, हमेशा पर्यटकों की लगी रहती है भीड़
Prayagraj Sangam: भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। यह स्थान कुम्भ मेला के लिए प्रसिद्ध है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। संगम पर स्नान करने से पाप मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है, इस विश्वास के कारण लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। संगम का दृश्य विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अत्यंत मनमोहक होता है।

प्रयागराज संगम: आस्था, इतिहास और आध्यात्मिकता का मिलन
#प्रयागराज संगम का महत्व
प्रयागराज संगम वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है।
इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है।
माघ मेले और कुंभ मेले के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं।
तीन नदियों का संगम और उनका महत्व
गंगा नदी: इसे मोक्षदायिनी कहा जाता है।
यमुना नदी: इसका जल गहरा और शीतल होता है।
सरस्वती नदी: यह अदृश्य मानी जाती है, लेकिन इसकी आध्यात्मिक मान्यता बहुत गहरी है।
प्रयागराज कुंभ मेला: दुनिया का सबसे बड़ा मेला
प्रयागराज में हर 12 वर्षों में कुंभ मेला आयोजित होता है।
इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं।
यह आयोजन आध्यात्मिकता, संस्कृति और भक्ति का अनोखा संगम होता है।
त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, संगम में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
यहां पर तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
प्रयागराज संगम के पास स्थित प्रमुख मंदिर
अलोपशंकरी मंदिर – यह देवी शक्ति का प्रमुख स्थान है।
हनुमान मंदिर – लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा यहां भक्तों को आशीर्वाद देती है।
अक्षयवट – यह पौराणिक वट वृक्ष मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक है।
कैसे पहुंचे प्रयागराज संगम?
रेल मार्ग: प्रयागराज जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा प्रयागराज एयरपोर्ट है।
सड़क मार्ग: यह देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
संगम तट पर अद्भुत दृश्य और अनुभव
संगम तट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
नाव की सवारी करते हुए गंगा आरती का दर्शन करने का अनुभव अविस्मरणीय होता है।
निष्कर्ष
प्रयागराज संगम केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति का प्रतीक भी है।
यह स्थान भारतीय संस्कृति और परंपराओं का दर्पण है, जहां हर श्रद्धालु आत्मिक शांति का अनुभव करता है।