मणिकर्णिका घाट का इतिहास और मान्यताएँ एक अद्भुत यात्रा!
March 24, 2025 2025-03-24 1:47मणिकर्णिका घाट का इतिहास और मान्यताएँ एक अद्भुत यात्रा!
मणिकर्णिका घाट का इतिहास और मान्यताएँ एक अद्भुत यात्रा!
Manikarnika Ghat: मणिकर्णिका घाट उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्रमुख और पवित्र घाट है। यह हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है, जहां लगातार अंतिम संस्कार होते रहते हैं। ऐसा विश्वास है कि यहां मृत्यु मिलने से आत्मा सीधा मोक्ष प्राप्त करती है। मणिकर्णिका घाट का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इसे वाराणसी के सबसे प्राचीन और श्रद्धेय घाटों में शामिल करता है।

परिचय
मणिकर्णिका घाट वाराणसी के सबसे प्राचीन और पवित्र घाटों में से एक है।
यह घाट गंगा नदी के तट पर स्थित है और इसे हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है।
कहा जाता है कि यहां अंतिम संस्कार करने से आत्मा को मुक्ति मिलती है।
Manikarnika Ghat का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, मणिकर्णिका घाट भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है।
कहा जाता है कि जब माता पार्वती ने यहाँ स्नान किया,
तो उनके कान की मणि (कर्णिका) इस स्थान पर गिर गई थी, जिससे इसका नाम मणिकर्णिका घाट पड़ा।
मणिकर्णिका घाट की विशेषताएँ
- मोक्ष स्थली: हिंदू धर्म के अनुसार, यहां चिता की आग कभी बुझती नहीं, और इसे मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है।
- महाश्मशान: यह घाट वाराणसी के दो प्रमुख श्मशानों में से एक है, दूसरा हरिश्चंद्र घाट है। यहाँ दिन-रात अंतिम संस्कार किए जाते हैं।
- भगवान शिव की कृपा: मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव मरने वाले को कान में मुक्ति मंत्र देते हैं, जिससे उनकी आत्मा बंधनों से मुक्त हो जाती है।
#मणिकर्णिका घाट से जुड़ी प्रमुख मान्यताएँ
- भगवान विष्णु और शिव की कथा: कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहाँ हजारों वर्षों तक तपस्या की,
जिससे भगवान शिव प्रसन्न हुए और इसे मोक्ष धाम बना दिया। - चिता की अमिट अग्नि: माना जाता है कि यहाँ जलने वाली चिता की अग्नि पिछले हजारों वर्षों से कभी बुझी नहीं।
- मणिकर्णिका कुंड: इस घाट पर एक पवित्र कुंड स्थित है,
जिसे भगवान विष्णु द्वारा बनाया गया माना जाता है।
मणिकर्णिका घाट पर करने योग्य कार्य
अंतिम संस्कार का दर्शन
यदि आप जीवन और मृत्यु के चक्र को समझना चाहते हैं,
तो इस घाट पर जाकर एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
गंगा आरती में भाग लेना
हालांकि दशाश्वमेध घाट पर मुख्य गंगा आरती होती है,
लेकिन मणिकर्णिका घाट पर भी आरती देख सकते हैं, जो अत्यंत शांत और आध्यात्मिक होती है।
नाव की सवारी
गंगा नदी में नाव की सवारी करते हुए आप मणिकर्णिका घाट और अन्य प्रसिद्ध घाटों का सुंदर नज़ारा देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे?
रेल मार्ग: वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 5 किमी दूर है।
हवाई मार्ग: लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाराणसी से लगभग 25 किमी दूर स्थित है।
सड़क मार्ग: वाराणसी में हर स्थान से ऑटो, टैक्सी और रिक्शा के माध्यम से घाट तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष
मणिकर्णिका घाट सिर्फ एक घाट नहीं, बल्कि जीवन और मृत्यु के रहस्यों को समझने का स्थान है।
यहाँ आकर व्यक्ति को मृत्यु का वास्तविक अर्थ समझ में आता है
और आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है।
अगर आप वाराणसी जाएँ, तो इस पवित्र घाट के दर्शन अवश्य करें।