Shaligram Stone: शालिग्राम पत्थर के अद्भुत लाभ जानिए क्यों यह आपके जीवन में खुशहाली लाता है
April 5, 2025 2025-04-05 4:56Shaligram Stone: शालिग्राम पत्थर के अद्भुत लाभ जानिए क्यों यह आपके जीवन में खुशहाली लाता है
Shaligram Stone: शालिग्राम पत्थर के अद्भुत लाभ जानिए क्यों यह आपके जीवन में खुशहाली लाता है
Shaligram Stone: शालिग्राम शिला को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और चमत्कारी पत्थर माना जाता है।
इसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और इसकी पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
शालिग्राम पत्थर केवल नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है और इसका उल्लेख अनेक हिंदू ग्रंथों, जैसे स्कंद पुराण, पद्म पुराण और श्रीमद्भागवत महापुराण में किया गया है।

यदि आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने घर में सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाना चाहते हैं,
तो शालिग्राम शिला की पूजा अत्यंत फलदायक होगी।
इस लेख में हम शालिग्राम शिला के महत्व, पूजन विधि, लाभ और पहचान के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Shaligram Stone का पौराणिक महत्व
शालिग्राम का उल्लेख अनेक पुराणों में मिलता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं इसे अपना दिव्य स्वरूप दिया है।
ऐसा कहा जाता है कि यह पत्थर स्वयं महालक्ष्मी सहित श्रीहरि विष्णु का निवास स्थान है।
स्कंद पुराण के अनुसार, जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है,
वहां स्वयं भगवान विष्णु निवास करते हैं और उस घर में कभी दरिद्रता, नकारात्मक ऊर्जा या अशांति नहीं रहती।
ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णन किया गया है कि शालिग्राम शिला की पूजा करने से मनुष्य को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है।
Shaligram Stone के प्रकार और उनके लाभ
शालिग्राम पत्थर कई प्रकार के होते हैं और प्रत्येक का अलग-अलग आध्यात्मिक महत्व होता है।
लक्ष्मी नारायण शालिग्राम
इसे धारण करने से धन और समृद्धि बढ़ती है।
व्यापार और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
नृसिंह शालिग्राम
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
भय, शत्रु और बाधाओं को दूर करता है।
वराह शालिग्राम
यह पृथ्वी तत्व से जुड़ा होता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
करियर और पारिवारिक जीवन में सुधार करता है।
कृष्ण शालिग्राम
इसे धारण करने से प्रेम, भक्ति और अध्यात्म की भावना बढ़ती है।
यह गोपाल, गोविंद और राधा-कृष्ण भक्ति को बढ़ावा देता है।
राधा-कृष्ण शालिग्राम
प्रेम और दांपत्य जीवन में मिठास लाता है।
वैवाहिक संबंधों को मजबूत करता है।
गरुड़ शालिग्राम
इस शालिग्राम की पूजा से लंबी उम्र और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
शालिग्राम शिला की पूजा विधि
शालिग्राम शिला की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
इसे विधिपूर्वक स्थापित और पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
शालिग्राम को स्थापित करने का सही दिन
एकादशी, पूर्णिमा या गुरुवार को शालिग्राम स्थापित करना शुभ माना जाता है।
इसे किसी पवित्र स्थान पर रखें, जैसे कि मंदिर या पूजा स्थल।
शुद्धिकरण की प्रक्रिया
सबसे पहले शालिग्राम को गंगाजल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) या तुलसी जल से स्नान कराएं।
इसे एक साफ कपड़े से पोंछकर सूखा लें।
पूजन सामग्री और विधि
भगवान विष्णु के सामने दीप जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
शालिग्राम पर चंदन, हल्दी और तुलसी पत्र अर्पित करें।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
विष्णु सहस्रनाम या श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें।
अंत में शालिग्राम को एक पवित्र स्थान पर रखें और प्रतिदिन पूजा करें।
शालिग्राम शिला के अद्भुत लाभ
घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है
जिस घर में शालिग्राम शिला की पूजा होती है, वहां धन और समृद्धि का वास होता है।
पारिवारिक कलह और विवाद समाप्त होते हैं।
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है
इसे रखने से बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव होता है।
बुरी नजर और टोने-टोटके से सुरक्षा मिलती है।
मोक्ष प्राप्ति में सहायक
इसे धारण करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान मिलता है।
स्वास्थ्य लाभ देता है
मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है।
रोगों और बीमारियों से बचाव करता है।
विवाह और प्रेम संबंधों में सुधार करता है
जिन लोगों को विवाह में बाधा आ रही हो, उन्हें शालिग्राम की पूजा करनी चाहिए।
वैवाहिक जीवन को मधुर और प्रेमपूर्ण बनाता है।
शालिग्राम शिला की पहचान कैसे करें?
सिर्फ गंडकी नदी में पाया जाता है: असली शालिग्राम केवल नेपाल की गंडकी नदी से प्राप्त होता है।
चक्र और प्राकृतिक आकृति: इसमें स्वाभाविक रूप से बने हुए चक्र (शंख और चक्र) होते हैं।
चमकदार और चिकना सतह: असली शालिग्राम काले, भूरे या कभी-कभी नीले रंग का होता है और इसका सतह चिकनी होती है।
पानी में रखने पर बुलबुले नहीं बनते: नकली शालिग्राम को पानी में रखने पर बुलबुले निकल सकते हैं, जबकि असली शालिग्राम ऐसा नहीं करता।
निष्कर्ष
शालिग्राम शिला एक अत्यंत पवित्र और चमत्कारी पत्थर है,
जिसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसकी पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं,
घर में सुख-शांति आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता चाहते हैं,
तो शालिग्राम शिला की पूजा अवश्य करें। इसे धारण करने से
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
“हरे कृष्ण, हरे राम! भगवान विष्णु की कृपा से आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे!” 🙏