हमारे जीवन में क्रोध और आंधी एक समान है।
क्योंकि इनके जाने के बाद ही हमें अपने नुकसान का पता चलता है।
अपने समय और अपने शब्दों के प्रयोग में कभी लापरवाही नहीं बरतें।
क्योंकि ये नहीं तो वापस आते है और न ही वापस मौका देता है।
जब दुनिया हमें कहती है हार मान लो,
उस समय उम्मीद हमें कान में कहती है एक बार और कोशिश कर लें।
यदि आप ये सोचते रहे कि लोग क्या कहेंगे तो
आप अपने जीवन की पहली परीक्षा में ही हार गये हैं।