व्रत रखा है मैंने
बस एक प्यारी सी ख्वाहिश के साथ
हो लंबी उम्र तुम्हारी
हर जन्म में मिले तुम्हारा ही साथ।
मेहंदी लगाया है हाथों पर
और माथे पर सिंदूर लगाया है
पिया आजा पास हमारे
देख चांद भी निकल आया है।
आज सजी हूं दुल्हन सी मैं
कब तुम आओगे पिया
अपने हाथों से पानी पिला के आप
कब गले लगाओगे पिया।
बात अगर मोहब्बत की है
तो जज्बा बराबरी का होगा
जो तुमने कुछ नहीं खाया सुबह से
तो चांद भी तुम्हारा भूखा होगा।
चांद की पूजा करके
करती हूं मैं, तुम्हारी सलामती की दुआ
तुझे लग जाए मेरी भी उमर
गम रहे हर पल तुझसे जुदा।
आपका चेहरा चांद से कम नहीं है
आप साथ हैं तो किसी बात का गम नहीं है।