किसी से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए, क्यूकि ईर्ष्या सबसे पहले उसी के गुणों को नष्ट करती है, जिसके मन में उत्पन्न होती है।
“निराशायुक्त लोगो को सदाचार द्वारा सहायता देना और उनके मन में नई आशा का संचार करना समाज की सबसे बड़ी सेवा है।”
“अगर अच्छी जिंदगी जीना चाहते हो तो अकेले जीना सीख लो। लोग तसल्ली जरूर देते है लेकिन साथ नहीं देते।”