शक ना कर मेरी हिम्मत पर,
मैं ख्वाब बुन लेता हूँ
टूटे धागों को जोड़कर.
सपनों को पाने के लिए समझदार नहीं
पागल बनना पड़ता है.
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को सलाम,
पता है की मंजिल मौत है फिर भी
दौड़े जा रही है.
एक न एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल
ठोकरे जहर तो नहीं जो खाकर मर जाऊंगा
पतझड़ हुए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते,
कठिनाई और संघर्ष सहे बिना
अच्छे दिन नही आते.