हमेशा दूसरों की सफ़लता पर ध्यान देने से बेहतर है, अपनी सफ़लता पर ध्यान देकर उनसे भी बेहतर बन जाना।

व्यक्ति को अपने जीवन परछाई और आईने के जैसे दोस्त बनाने चाहिए, क्योंकि परछाई कभी साथ नहीं छोड़ती और आईना कभी झूठ नहीं बोलता।

हमारी समस्या का हल सिर्फ हमारे पास ही है, दूसरों के पास तो हमारी समस्या का सुझाव है।

एक समझदार व्यक्ति खुद गलतियां कम करता है, जबकि वो दूसरों की गलतियों से ही सबकुछ सीख जाता है।