सहन शक्ति हो तो धरती माँ के जैसा ,जो चाहे सर पर कितना ही बोझ बढ़ जाए सदा अपनी रफ़्तार से ही आगे बढ़ती है।

जाति और धर्म में कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए, क्योकि सबकी एक ही जाति है – मानव जाति और सबका एक ही धर्म है

ज़िंदगी का मज़ा बुराइयों के विश्लेषण में नहीं, बल्कि अच्छाइयों के अवशोषण में है।

मनुष्य को हमेशा मौका नही ढूंढना चाहिये, क्योंकि जो आज है वही सबसे अच्छा मौका है।