खुदा करे की तेरे दिल में मुझे उम्रकैद मिले, थक जाएं सारे वकील पर मुझे ज़मानत ना मिले

चले आओ ना अब कहाँ गुम हो, कितनी बार कहूं? मेरे दर्द की दवा तुम हो

कितना प्यार है तुमसे वो लफ्ज़ के सहारे कैसे बताऊं ! महसूस कर मेरे एहसास, गवाही कहां से लाऊं

यूं न लगाया करो ख्वाबों में मुझे, सीने से… दिन भर मिलने की चाहत सी लगी रहती है

सांस तो लेने दिया करो, आँख खुलते ही याद आ जाते हो

मेरी हर अदा का आइना तुझसे से है मेरी हर मंजिल का रास्ता तुझसे हैं। कभी दूर न होना मेरी जिंदगी से मेरी हर खुशी का वास्ता तुझसे है

इस हकीकत से खूबसूरत कोई ख्वाब नही… इश्क मर्जी है खुदा की कोई इत्तफाक नही