तुम्हे भूलना सितम सा है, तुम दिल में वहां तक हो जहां मैं भी नही हूं

वो इश्क़ ही क्या जिसमें हिसाब हो.. मोहब्बत तो हमेशा बेहिसाब ही होती है

होठों पर हंसी, आंखों में नमी हर सांस कहती है बस तेरी ही कमी

सिर्फ़ दो ही वक्त पर तुम्हारा साथ चाहिए, एक तो अभी और एक हमेशा के लिए

लफ़्ज़ों में कहाँ लिखी जाती हैं ये बेचैनियाँ मोहब्बत की मैंने तो हर बार तुम्हे ❤️दिल की, गहराइयों से पुकारा हैं

उसे देखते ही ये चेहरा कुछ यूं खिल जाता है, जैसे उसके होने से मुझे सब कुछ मिल जाता है

तेरी मोहब्बत, तेरी वफ़ा तेरा इरादा सिर्फ तू जाने, मै करता हूँ सिर्फ तुझसे मोहब्बत ये मेरा खुदा जाने