करवा चौथ का त्योहार है आया, प्रेम और विश्वास का पर्व है छाया। चाँद की चांदनी, संग सजी ये रात, पिया के संग सजनी का ये साथ।

मेहंदी रचे हाथ, चूड़ियों की खनक, सोलह श्रृंगार में सजी है सनक। प्रेम से भरी हैं दोनों की नज़रें, चाँद देख, तोड़ें व्रत की डगरें।

करवा चौथ का ये पावन त्यौहार, लाए खुशियाँ हर सुहागन के द्वार। पिया संग बीते हर जन्म का सफर, प्रेम में डूबे रहें ये सुंदर प्रहर।

चाँद की चमक और तारों की बारात, तुम्हारी ये सूरत और ये रात। साथ बिताना हर जनम की बात, करवा चौथ लाए हर दिन में मिठास।

तुम संग है हर लम्हा खास, दिल में बसी है तेरी मधुर प्यास। करवा चौथ की ये रात, लाए हमारे रिश्ते में और भी मिठास।