रूहानी प्रेम शायरी: दिल को छू जाने वाली लाइनें
November 8, 2024 2024-11-08 13:26रूहानी प्रेम शायरी: दिल को छू जाने वाली लाइनें
रूहानी प्रेम शायरी: दिल को छू जाने वाली लाइनें
रूहानी प्रेम शायरी
इस रूहानी प्रेम शायरी में महसूस करें , वह भावनाएं जो दिल की गहराइयों से निकलती हैं और आत्मा को छू जाती हैं।
सच्चे प्यार की रूहानी शायरी
ना होकर भी तुम मौजूद हो मुझमें,
क्या खूब तुम्हारा वजूद है मुझमें
सुबह शाम तू मेरी इबादत सा लगे,
जो कभी न छूटे वो आदत सा लगे
एक ही बात जमाने की किताबों में नही,
जो नशा है तेरी मुहब्बत में वो शराबों में नही
जुदा होकर भी जुदाई नही होती
उम्रकैद है इश्क जिसमे रिहाई नही होती
कहीं रूह का होता है, कहीं जिस्म का होता है,
इस जहां में इश्क़ भी, दो किस्म का होता है
घाटे और मुनाफे का, बाजार नही है,
इश्क़ इबादत है, कारोबार नही है
जिन्हे याद कर के मुस्कुरा दें ये आंखे,
वो लोग दूर होकर भी दूर नही होते
राहे मुहब्बत में जो भी मुकाम आए,
सांसे हो कम पर हर सांस में नाम तुम्हारा आए
इश्क की बेकरारी इस कदर बढ़ी है,
सांसों से ज्यादा अब तू ज़रूरी है
कभी तुम्हारी याद आती है कभी तुम्हारे ख्याल आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो तुम्हे बेहिसाब आते हैं
नही होते हो तब भी होते हो तुम
हर वक्त जाने क्यों महसूस होते हो तुम
दिल की धड़कन बन कर दिल में रहोगे तुम,
जब तक सांस है तब तक मेरे साथ रहोगे तुम
इस तरह हम सुकून को महफूज कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हे महसूस कर लेते हैं
वो मेरी तरफ देखे और मेरी आंखों में खो जाये,
ये खुदा तेरा बहुत अहसान होगा, अगर वो मेरी हो जाए
लफ्जों में कैसे समझाऊं तुम्हे अपनी चाहत का इशारा
अब धड़कने भी तुम्हारी हो गई और दिल भी तुम्हारा
मरीज़-ऐ-इश्क़ हूं तेरा दीदार काफी है
हर एक नुस्खे से बेहतर निगाह-ए-यार काफी है
रूहानी प्रेम शायरी – दिल से दिल का सफर
बहुत गहरी होती जा रही है हमारी रूह में मौजूदगी तुम्हारी
लगता है तुम बिन जीना नामुमकिन सा हो गया है
तोड़ दे खामोशी कुछ दिलों की बात होने दे
जैसी होती है ख्यालों में ऐसी ही एक मुलाकात होने दे
रख लें नजर में चेहरा तेरा दिन रात इसी में मरते रहें
जब तक ये सांसे चलती रहे हम तुमसे मोहब्बत करते रहें
दर्द होगा, बेचैनी होगी, कसक होगी, बेकरारी होगी,
अगर दिल रखते हैं तो, आपको भी ये बीमारी होगी
लिखूं तो मोहब्बत भी तुम हो सोचूं तो ख्याल भी तुम हो
मांगू तो मन्नत तुम हो जी लूं तो जन्नत भी तुम हो।
किसी ने पूछा मुझसे क्या है तेरी जिंदगी का खज़ाना
मुझे अचानक याद आ गया तेरा वो हल्के से मुस्कुराना
मेरे दिल की ये दुआ है कभी दूर तू ना जाये
तेरे बिना हो जीना वो दिन कभी ना आये
चलते चलते मेरे कदम बस यही सोचते हैं
की मैं किस तरफ जाऊं जो मुझे तू मिल जाए
दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो,
मैं जहां जिस हाल में रहूं बस तू ही तू मेरे करीब हो
सहारा जो ना होता, तेरी यादों का,
सवेरा ही ना होता, फिर मेरी रातों का
इंतेजार,इज़हार,इबादत, सब तो किया मैने
और कैसे बताऊं के तुमसे इश्क़ कितना किया मैने
एक दर्द छिपा है सीने में मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे हर शाम अधूरी लगती है
आंखों में आशिकी चमक रही है लबों पर मोहब्बत महक रही है,
देख कर तेरे प्यार का जादू मेरी हर धड़कन बहक रही है
क्यूं छुपाते हो क्यूं इन्कार करते हो,
आपकी आंखें बताती हैं आप भी हमसे प्यार करते हो