अश्कों से भरी शायरी: हर दिल को छूने वाली पंक्तियाँ
November 19, 2024 2024-11-19 14:15अश्कों से भरी शायरी: हर दिल को छूने वाली पंक्तियाँ
अश्कों से भरी शायरी: हर दिल को छूने वाली पंक्तियाँ
अश्कों से भरी शायरी इस अश्कों से भरी शायरी में दर्द और प्यार का अद्भुत मिश्रण है। एक बार पढ़कर तो मानो दिल रो पड़े।
#अश्कों से भरी शायरी: जब शब्द आंसुओं में बदल जाते हैं
यूं पलके झुका देने से नीद नही आती,
सोते वही लोग हैं, जिनके पास किसी की यादें नही होती
जिंदगी गुजर रही है इम्तिहानों के दौर से,
एक ज़ख्म भरता नही और दूसरा आने की जिद करता है
ज़ख्म आज भी ताजा है पर वो निशान चला गया,
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है
पर वो इंसान चला गया।
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी
ज़ख्म का कोई निशां नही
और दर्द की कोई इंतहा नही
हम वो कश्ती हैं जिसका कोई किनारा ना हुआ,
हम सबके हुए मगर कोई हमारा ना हुआ
दिल टूटा है मेरा और ख्वाब बिखर गए,
दर्द मिला इतना की जख्मों से हम निखर गए
खुशियों का ना मुझे मर्ज दो,
दर्द पसंद है मुझे दर्द दो
मेरी खामोशी में सन्नाटा भी है, शोर भी है,
तूने देखा ही नही
आँखों में कुछ और भी है
शिकवा करूं भी तो किससे?
दर्द भी मेरा है, और
दर्द देने वाला भी मेरा है
कमाल की मोहब्बत थी उसको हमसे,
अचानक ही शुरू हुई,
और बिन बताए ही खत्म
सोचा ही नहीं था, जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे,
रोना भी ज़रूरी होगा, और आंसू भी छिपाने होंगे
आदत बदल सी गई है वक्त काटने की,
हिम्मत ही नही होती अपना दर्द बांटने की
जो चोट जिंदगी देती है उस नासूर की दवा क्या है,
इतनी सजा दी मेरे मौला आखिर मेरी खता क्या है
अश्कों से भरी शायरी: दिल छूने वाली भावनाएँ
अंदर के हादसों पे किसी की नजर नहीं,
हम मर चुके हैं और हमें इस की खबर नही
मैं ढूंढता हूं खुद में खुद ही को,
शायद मैं वो नही जो हुआ करता था
इस पार हूं या उस पार हूं संभला हुआ हूं या तार तार हूं,
कुछ भी कहा नही जा सकता,
किसी काम का हूं या बेकार हूं।
ना जाने कैसे इम्तिहान ले रही है जिंदगी आजकल,
मुकद्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनों नाराज रहते हैं
आँखें बहुत कुछ कहती हैं
बस कोई समझता ही नही
बिना आवाज के रोना,
रोने से भी ज्यादा दर्द देता है
दिल परेशान रहता है उनके लिए
हम कुछ नही हैं जिनके लिए।
कभी बेपनाह बरसी तो कभी गुम सी है,
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है
सोचूं तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई,
देखूं तो एक शख्स भी मेरा ना हुआ।
काश कोई ऐसा हो जो गले लगा कर कहे,
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है
दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया,
सबने समझ लिया कि मुझे तकलीफ नही होती
सौ दर्द छिपे हैं सीने में,
मगर अलग ही मजा है हँस के जीने में