Murudeshwar Temple: कर्नाटक का मुरुदेश्वर नहीं घूमे तो फिर दक्षिण भारत घूमना है बेकार
February 19, 2025 2025-02-19 14:26Murudeshwar Temple: कर्नाटक का मुरुदेश्वर नहीं घूमे तो फिर दक्षिण भारत घूमना है बेकार
Murudeshwar Temple: कर्नाटक का मुरुदेश्वर नहीं घूमे तो फिर दक्षिण भारत घूमना है बेकार
Murudeshwar Temple: मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक भव्य शिव मंदिर है, जो अरब सागर के किनारे अपनी अद्भुत सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव की दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची विशाल प्रतिमा स्थित है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। मंदिर की 20 मंजिला ऊँची गोपुरम और समुद्र के किनारे स्थित इसकी भव्यता इसे अनोखा बनाती है। यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है।

मुरुदेश्वर मंदिर – अद्भुत वास्तुकला और धार्मिकता का संगम
#मुरुदेश्वर मंदिर का परिचय
मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में अरब सागर के किनारे स्थित है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपनी विशाल प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर की अद्भुत वास्तुकला
मुरुदेश्वर मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली में बनी है।
यहाँ की गोपुरम 20 मंजिल ऊँची है, जो भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती है।
मंदिर में नक्काशीदार दीवारें और शिलालेख देखने लायक हैं।
विशाल शिव प्रतिमा
मंदिर परिसर में भगवान शिव की 123 फीट ऊँची प्रतिमा है,
जो दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची शिव प्रतिमा है।
यह प्रतिमा समुद्र की ओर मुख करके स्थापित है और सूर्य की किरणें इसे चमकदार बनाती हैं।
मुरुदेश्वर का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, रावण जब आत्मलिंग को लंका ले जा रहा था,
तो उसे यहीं पर स्थापित किया गया था।
इसलिए यह स्थान शिवभक्तों के लिए पवित्र माना जाता है।
पर्यटकों के आकर्षण स्थल
मुरुदेश्वर समुद्र तट भी मंदिर के पास ही है।
यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखने योग्य होता है।
मुरुदेश्वर स्कूबा डाइविंग के लिए भी प्रसिद्ध है।
कैसे पहुँचें मुरुदेश्वर
मुरुदेश्वर रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
निकटतम हवाई अड्डा मंगलुरु है,
जहाँ से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है।
मंदिर दर्शन का समय
मुरुदेश्वर मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है।
विशेष पर्वों पर यहाँ भारी भीड़ होती है।
निष्कर्ष
मुरुदेश्वर मंदिर धार्मिकता, वास्तुकला और प्रकृति का अद्भुत संगम है।
यह स्थान हर धर्म और आयु वर्ग के लोगों के लिए एक आध्यात्मिक और मनमोहक अनुभव प्रदान करता है।