Maa Shayari in Hindi: ममता पर समर्पित दिल को छू जाने वाले अनमोल विचार
March 16, 2024 2025-02-04 6:20Maa Shayari in Hindi: ममता पर समर्पित दिल को छू जाने वाले अनमोल विचार
Maa Shayari in Hindi: ममता पर समर्पित दिल को छू जाने वाले अनमोल विचार
Maa Shayari in Hindi: भगवान ने सिर्फ औरतों को ही ये शक्ति दी है कि वो एक नए जीवन को दुनिया में ला सके। मां एक बच्चे को जन्म देती है और जीवनभर के लिए दोनों के दिल के तार जुड़ जाते हैं।
मां साए की तरह अपने बच्चे के साथ रहती है और उसकी हर छोटी बड़ी जरूरतों को पूरा करती है। एक मां जो त्याग करती है उसका कर्ज संतान कभी नहीं चुका सकता है।
माँ पर लिखी सबसे सुंदर शायरी
चलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

मेरी तक़दीर में कभी कोई गम नही होता,
अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा

पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,
इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है

#मेरी हर कोशिश को खुदा सफल कर देता है,
मेरी माँ का होना मुझे मुकम्मल कर देता है।

मेरी ख्वाहिश है की मै फिर से फरिश्ता हो जाऊ,
माँ से इस तरह लिपटु की बच्चा हो जाऊ।

इस जीवन में सबसेबड़ा मां का ही प्यार है
वही मंदिर वही पूजा और वही सारा संसार है..!

माँ की ममता पर दिल छू लेने वाले शेर और ग़ज़लें
शायद यूँ ही सिमट सकें घर की ज़रूरतें,
‘तनवीर’ माँ के हाथ में अपनी कमाई दे

हजारों गम हो जिंदगी में फिर भी खुशी से फूल जाता हूं
मैं जब हंसती है मेरी मां मैं हर गम भूल जाता हूं

यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,
जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ..!

Mother’s Day Shayari in Hindi
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
मेरे रब के बाद मैं बस अपनी माँ को जानता हूँ।

सूना-सूना सा मुझे ये घर लगता है,
माँ जब नहीं होती तो बहुत डर लगता है।

किसी भी मुश्किल का अब किसी
को हल नहीं मिलता,शायद अब घर से
कोई मां के पैर छूकर नहीं निकलता।

वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना,
माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।

आपको कोई जरूरत नहीं है किसी
पूजा-पाठ की,अगर आपने सेवा की
होगी अपने माँ-बाप की !!
जो माँ को सच्चा सलाम करना चाहते हैं, उनके लिए खास शायरी

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह
मशरूफ रहा मैं, पास बैठी अनमोल
मां को भूल गया मैं।

मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा दोस्तो,
आँख खुली तो देखा मेरा सर माँ के गोद में था

जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
मैं खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।

एक तेरा ही प्यार सच्चा है माँ,
औरो की तो शर्ते बहुत है

मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है,
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है

मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है

जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था,
माँ ने गोद में उठा कर जब प्यार किया था.

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती

ए माँ तेरा मुस्कुराता चेहरा ही
मेरे दिल का सुकून होता है।

लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती

चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

मौत के लिए बहुत रास्ते है पर,
जन्म लेने के लिए केवल माँ है..!!

जिस घर में माँ की कदर नहीं होती,
उस घर में कभी बरकत नहीं होती

Comments (4)
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