मोहब्बत भरी शायरी – रोमांटिक लम्हों का एहसास
November 8, 2024 2024-11-08 13:33मोहब्बत भरी शायरी – रोमांटिक लम्हों का एहसास
मोहब्बत भरी शायरी – रोमांटिक लम्हों का एहसास
मोहब्बत भरी शायरी
जो आपके इश्क़ के हर रंग को बखूबी बयान करेगी। दिल से जुड़ी बातें यहाँ पाएं।
मोहब्बत भरी शायरी – दिल छू लेने वाली पंक्तियाँ
हमेशा के लिए रख लो ना, पास मुझे अपने
कोई पूछे तो बता देना, किरायेदार है दिल का
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है
वो लम्हा बना दो मुझे
जो गुजर कर भी तुम्हारे साथ रहे
अच्छा लगता है हर रात तेरे ख्यालों में खो जाना
जैसे दूर हो कर भी तेरी बाहों में सो जाना
वक्त कितना भी बदल जाए
मेरी मोहब्बत कभी नही बदलेगी
नशा था तेरे प्यार का जिसमे हम खो गए हमें भी नही
पता चला कब हम तेरे हो गए
एक नाम, एक जिक्र, एक तुम और
एक तुम्हारी फिक्र बस यही है छोटी सी जिन्दगी मेरी
थाम लूं तेरा हाथ और तुझे इस दुनिया से दूर ले जाऊं
जहाँ तुझे देखने वाला मेरे सिवा कोई और ना हो
अंदाजा मेरी मोहब्बत का सब लगा लेते हैं
जब तुम्हारा नाम सुनकर हम मुस्कुरा देते हैं
मुमकिन नहीं है किसी और से दिल लगना,
तुमसे प्यार ही इतनी शिद्दत से करते हैं
अगर अपनी किस्मत लिखने का जरा सा भी हक हो मुझे
तो अपने नाम के साथ तुझे हर बार लिखूं
ये मोहब्बत है जनाब कितनी भी
तकलीफ दे मगर सुकून भी उसी की बाहों में मिलता है
कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी
लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है
प्यार का पता नही ज़िंदगी हो तुम
जान का पता नही दिल की धड़कन हो तुम
जिंदगी की राह में मिले होंगे हजारों मुसाफिर तुमको
ज़िंदगीभर ना भुला पाओगे वो मुलाकात हूं मै
तुम्हारा इश्क़ मेरे लिए हवा जैसा है
जरा सा कम हो तो सांसे रुकने लगती हैं
ये तुमसे किसने कहा तुम इश्क़ का तमाशा करना,
अगर मोहब्बत करते हो हमसे तो बस हल्का सा इशारा करना
मोहब्बत भरी शायरी: दिल से जुड़ी शायरी
हाथ थामे रखना दुनिया में भीड़ भारी है,
खो ना जाऊं कहीं मै, ये जिम्मेदारी तुम्हारी है
कुछ प्रेम ऐसा भी होता है हाथ में हाथ नही होते
पर आत्म से आत्म बंधी होती है
तुम्हें क्या पता तेरे इंतजार में हमने कैसे वक्त गुजारा है,
एक बार नही हजारों बार तेरी तस्वीर को निहारा है
बहुत खूबसूरत है तेरे साथ ज़िंदगी का सफर,
तुम वहां से याद करते हो तो हम यहां से मुस्कुराते हैं
मेरी रूह की तलब हो तुम,
कैसे कहूं सबसे अलग हो तुम
कितना भी मिलो मन नही भरता
मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की तरह लगते हो तुम
मुस्कुराने के अब बहाने नही ढूंढ़ने पड़ते,
तुझे याद करते हैं तो तमन्ना पूरी हो जाती है
तेरे दीदार का नशा भी अजीब है तू ना दिखे तो दिल तड़पता है,
और तू दिखे तो नशा और चढ़ता है
तेरी चाहत के बिना इबादत अधूरी है मेरी
तुम जिंदगी हो मेरी तुम बिन जिंदगी अधूरी है मेरी
कैसे कहूं कि इस दिल के लिए कितने खास हो तुम
फासले तो कदमों के हैं पर हर वक्त दिल के पास हो तुम
तुमसे शिकायत भी है और प्यार भी है,
तेरे आने की उम्मीद भी नही और इंतजार भी है
तलाश दिल की आज भी अधूरी है,
सांसों से ज्यादा आज भी तू ज़रूरी है।
बावला सा रहता है मन तेरे इंतजार में,
जाने कैसा नशा है कमबख्त इस प्यार में