Jyotirlinga: हाथ से ना जाने दें, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का ये सुनहरा मौका
February 21, 2025 2025-02-21 15:05Jyotirlinga: हाथ से ना जाने दें, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का ये सुनहरा मौका
Jyotirlinga: हाथ से ना जाने दें, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का ये सुनहरा मौका
Jyotirlinga: ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के दिव्य स्वरूप हैं, जो भारत में 12 स्थानों पर स्थापित हैं। यह शिव भक्तों के लिए विशेष पूजनीय स्थल माने जाते हैं। हर ज्योतिर्लिंग की अपनी अनोखी कथा और महत्व होता है। इनकी यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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Jyotirlinga: भगवान शिव के दिव्य रूपों की महिमा
#ज्योतिर्लिंग का अर्थ और महत्व
#Jyotirlinga शिवजी के बारह पवित्र और दिव्य रूपों का प्रतीक है।
यह स्थान शिवभक्तों के लिए विशेष रूप से पूजनीय होते हैं।
इन स्थानों पर भगवान शिव स्वयं ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे।
बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंग
भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं।
प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।
आइए जानते हैं इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में:
1) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
यह सबसे प्राचीन ज्योतिर्लिंग है और इसे चंद्रदेव ने स्थापित किया था।
इसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है।
2) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)
यह ज्योतिर्लिंग शिव और पार्वती के संयुक्त रूप का प्रतीक है।
इसे दक्षिण का काशी भी कहा जाता है।
3) महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां भगवान शिव की मूर्ति स्वयंभू रूप में स्थित है।
इसकी विशेषता यह है कि यह दक्षिणमुखी है।
4) ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
नर्मदा नदी के द्वीप पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग ओंकार के आकार में है।
इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
5) केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)
यह हिमालय की ऊँचाइयों पर स्थित है और चार धामों में से एक है।
यहां जाने के लिए कठिन यात्रा करनी पड़ती है।
6) भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
यह सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है
और भीमाशंकर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
7) काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तर प्रदेश)
यह वाराणसी में स्थित है और इसे मोक्षदायक माना जाता है।
यहां पर शिवजी स्वयं वास करते हैं।
8) त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
यह गोदावरी नदी के तट पर स्थित है
और इसे पवित्रतम ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है।
9) वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड/महाराष्ट्र)
इसे बैजनाथ धाम भी कहा जाता है
और इसे मनोकामना पूर्ण करने वाला ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
10) नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
यह द्वारका के पास स्थित है
और शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
11) रामेश्वर ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)
यह दक्षिण भारत में स्थित है
और भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया माना जाता है।
12) घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
यह औरंगाबाद के पास स्थित है
और इसका उल्लेख शिव पुराण में मिलता है।
ज्योतिर्लिंग यात्रा का महत्व
ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिवभक्तों के लिए इन स्थलों की यात्रा आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है।
निष्कर्ष
ज्योतिर्लिंग केवल मंदिर नहीं, बल्कि भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा के प्रतीक हैं।
इनका दर्शन करने से भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है।
शिव की उपासना करने वालों के लिए यह स्थल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।