इश्क़ की शायरी: दिल को छू जाने वाली बातें
November 8, 2024 2024-11-08 13:23इश्क़ की शायरी: दिल को छू जाने वाली बातें
इश्क़ की शायरी: दिल को छू जाने वाली बातें
इश्क़ की शायरी
में खो जाएं और महसूस करें प्यार की गहराइयाँ। दिल को छू जाने वाली हर एक शायरी का आनंद लें।
दिल को छू जाने वाली इश्क़ शायरी
तुम्हे भूलना सितम सा है,
तुम दिल में वहां तक हो जहां मैं भी नही हूं
दिल की धड़कन बनकर दिल में रहोगे तुम,
जब तक सांस है साथ रहोगे तुम
मेरी निगाहों में एक ख्वाब आवारा है,
चांद भी देखो तो चेहरा तुम्हारा है।
सामने बैठा करो दिल को करार आता है,
जितना तुम्हे देखते हैं उतना ही प्यार आता है
तुमसे गले मिलकर जाना एक बात बतानी है,
तेरे सीने में जो दिल धड़कता है वो मेरी निशानी है।
कभी कभी याद इस कदर बढ़ जाती है,
जब भी देखता हूं आईने में सूरत आपकी नज़र आती है
न मिल रहे हो न खो रहे हो तुम,
दिन-ब-दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम
तेरे सजदों में मैं हूं मेरी दुआओं में तुम
फासले भी हैरान हैं नजदीकियां देखकर
मैं फरमाईश हूं उसकी, वो इबादत है मेरी,
इतनी आसानी से कैसे निकाल दूं उसे अपने दिल से,
मैं ख्वाब हूं उसका, वो हकीकत है मेरी।
शिकवा करने गए थे और इबादत सी हो गई
तुझे भुलाने की जिद थी मगर तेरी आदत सी हो गई
दिल जिससे जिंदा है वो तमन्ना तुम ही हो
और जिसमे हम बस रहे हैं वो दुनिया तुम ही हो
तेरे लिए ही होगा हर जीवन मेरा
प्यासी नदी हूं मैं, तू है सावन मेरा
मेरी भटकती हुई रूह को भी तेरा ही इंतजार रहेगा
इस जन्म में ही नही उस जन्म में भी मुझे तुमसे ही प्यार रहेगा
धड़कनों में बसते हैं कुछ लोग,
जुबान पे नाम लाना ज़रूरी नही होता
ना दिखे अक्स-ऐ-हकीकत तो आईना क्या है
दिल से ना हो तो मोहब्बत के मायने क्या हैं
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हजारों चेहरों में, एक तुम ही थे जिस पर हम मर मिटे,
वरना ना चाहतों की कमी थी, और ना चाहने वालों की
तुम्हारी रूह के साथ रिश्ता जुड़ गया है मेरा,
रब करे जन्मों जन्म तक यूं ही साथ रहे तेरा मेरा
इश्क़ की शायरी: मोहब्बत के अनमोल लफ़्ज़
सौ दर्द हैं मुहब्बत में बस एक राहत तुम हो
नफरतें बहुत हैं जहां में बस एक चाहत तुम हो
मेरी नस-नस में तेरा ही इश्क़ बहता है अगर है नहीं यकीन
तो खुद से पूछ ले तेरा दिल क्या कहता है
तेरे इश्क ने देखो कैसी तबाही मचा रखी है
आधी दुनिया पागल और आधी शायर बना रखी है
एक तू और एक तेरी मोहब्बत
इन दो लब्जो में है दुनिया मेरी
ख्वाहिश इतनी है बस कि कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
वक्त अच्छा हो या बुरा बस तू मेरे करीब हो
कभी ये मत सोचना कि याद नही करते हम
रात की आखिरी और सुबह की पहली सोच हो तुम
मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,
तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं
छू जाते हो कितनी दफा तुम ख़्वाब बनकर,
कौन कहता है दूर रहकर मुलाकातें नही होती
तेरी मोहब्बत, तेरी वफ़ा तेरा इरादा सिर्फ तू जाने,
मै करता हूँ सिर्फ तुझसे मोहब्बत ये मेरा खुदा जाने
उसे देखते ही ये चेहरा कुछ यूं खिल जाता है,
जैसे उसके होने से मुझे सब कुछ मिल जाता है
लफ़्ज़ों में कहाँ लिखी जाती हैं ये बेचैनियाँ मोहब्बत की
मैंने तो हर बार तुम्हे दिल की गहराइयों से पुकारा हैं
सिर्फ़ दो ही वक्त पर तुम्हारा साथ चाहिए,
एक तो अभी और एक हमेशा के लिए
होठों पर हंसी, आंखों में नमी
हर सांस कहती है बस तेरी ही कमी