हिंदी लव शायरी: प्यार का इजहार शायरी के ज़रिए
November 15, 2024 2024-11-15 14:29हिंदी लव शायरी: प्यार का इजहार शायरी के ज़रिए
हिंदी लव शायरी: प्यार का इजहार शायरी के ज़रिए
हिंदी लव शायरी दिल की गहराइयों को छूने वाली हिंदी लव शायरी यहाँ पढ़ें और अपने प्यार को खूबसूरत शब्दों में बयां करें।
#हिंदी लव शायरी: दिल को छू लेने वाली रोमांटिक पंक्तियाँ
जब प्यार में पागलपन ना
हो तो वो प्यार नहीं है
सच्चा प्यार कभी नहीं मरता और ना ही मिटता है
बल्कि यह समय के साथ और भी मजबूत और गहरा होता जाता है
कहतें हैं कि मोहबत एक बार होती है
पर मैं जब जब उसे देखता हूँ मुझे हर बार होती है
मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू
हकीकत मे मेरे दिल का खुदा है तू
ये मेरी मोहब्बत थी की दीवानगी की इंतिहा
तेरे करीब से गुजर गया तेरे ही ख़यालो में
मुझे सबसे पहले रखो या ना रखो,
पर जहां मुझे रखो वहां किसी और को ना रखो
मांग लो ना मुझे ऊपर वाले से,
शक्ल से भी तुम मांगने वाली लगती हो
उतना डर तो मुझे मेरी मौत से भी नहीं लगता,
जितना डर मुझे आपको खोने से लगता है
सुंदर होने से प्रेम नहीं होता,
जिससे प्रेम होता है वही सुंदर लगने लगता है
अब सफर कोई भी हो,
हमसफर तुम ही हो।
दिल करता है तुमसे लिपट कर तुम्हें बताऊं,
कितनी तकलीफ होती है तुमसे दूर रहकर जीने में
इतना प्यार करेंगे तुम्हें
कि अगले जन्म में तुम हमें ही मांगोगे
लाजमी है तेरा खुद पर गुरुर करना,
हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नहीं सकता
मिलने नहीं आ सकते तो क्या हुआ,
वीडियो कॉल ही कर लिया करो सुबह शाम
तेरे बिना जीना मुश्किल है,
तुझे ये बताना और भी मुश्किल है।
आदत लग गई है तुम्हें देखने की,
अब इसे तुम प्यार कहो या पागलपन
सच्चे प्यार के लिए बेस्ट हिंदी लव शायरी
मेरी सारी खुशियां,
सिर्फ तेरे साथ होने से हैं
प्यार का मतलब ही होता है,
अपनी मोहब्बत को अपनी दुल्हन बनाना
आदत भी और जरूरत भी हो तुम,
जैसे भी हो मेरी जान हो तुम।
कहां जाऊंगा तुम्हें छोड़कर,
तेरे बिना रात नहीं गुजरती जिंदगी क्या गुजरेगी
गुस्से की दुकान हो आप
पर मेरी जान हो आप।
की हकीकत में हकीकत है हकीकत को खुदा जाने,
मेरे दिल में तेरे लिए मोहब्बत है तेरे दिल की खुदा जाने
कोई रस्म बाकी ना रही मोहब्बत निभाने के लिए.!
बताओं कितना ओर चाहूँ तुम्हें पाने के लिए
लोगों को पसंद नहीं है उसका गुस्सा करना,
मैं सच बताऊँ मुझे वो क़यामत लगती है गुस्से सी शकल में
मोहब्बत से मोहब्बत तब हुई
जब मोहब्बत तुम से हुई
सोचा था उसके हसने की वजह सिर्फ मै हू,
अब लग रहा है उसके गुस्से की वजह भी मै ही हू
आखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लू
तमन्ना तुम्हें रंग लगाने की नहीं,
तुम्हारे रंग में रंग जाने की है
तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू,
इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में
दिखूं मैं तेरी आँखों में तू मेरी आँखों मे दिखा कर,
अच्छा लगेगा मुझे कभी मेरे लिए भी तो लिखा कर