Golconda Fort: मराठा साम्राज्य के इस किले की खूबसूरती में खो जाएंगे आप, सैंकड़ों साल पुराने महल को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
March 8, 2025 2025-03-09 2:27Golconda Fort: मराठा साम्राज्य के इस किले की खूबसूरती में खो जाएंगे आप, सैंकड़ों साल पुराने महल को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
Golconda Fort: मराठा साम्राज्य के इस किले की खूबसूरती में खो जाएंगे आप, सैंकड़ों साल पुराने महल को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
Golconda Fort: गोलकुंडा किला, हैदराबाद का एक ऐतिहासिक किला है, जो अपनी भव्य वास्तुकला और ध्वनि गूंज तकनीक के लिए प्रसिद्ध है। यह किला कभी कुतुब शाही राजवंश की राजधानी था और यहाँ से प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा निकला था। किले की मजबूत दीवारें, विशाल दरवाजे और सुंदर महल इसकी शाही विरासत को दर्शाते हैं। यहाँ का लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण है।

गोलकुंडा किला: इतिहास, वास्तुकला और रहस्य
परिचय
गोलकुंडा किला (Golconda Fort) भारत के तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है।
यह किला अपनी शानदार वास्तुकला, ध्वनि गूंज प्रणाली और रहस्यमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
कभी यह किला कुतुब शाही साम्राज्य की राजधानी था और इसे हीरों के व्यापार केंद्र के रूप में भी जाना जाता था।
गोलकुंडा किले का इतिहास
इस किले की स्थापना काकतीय वंश (12वीं शताब्दी) के दौरान हुई थी।
बाद में, यह किला बहमनी सुल्तानों और फिर कुतुब शाही राजाओं के अधीन आ गया।
1687 में औरंगजेब ने इस किले पर हमला किया और इसे मुगलों के अधीन कर लिया।
यह किला कभी दुनिया के सबसे मशहूर हीरों के व्यापार केंद्रों में से एक था,
जहाँ से कोहिनूर, होप डायमंड, नूर-उल-आइन और द्रेशर डायमंड जैसे प्रसिद्ध हीरे मिले थे।
गोलकुंडा किले की वास्तुकला और विशेषताएँ
ध्वनि गूंज प्रणाली
किले के मुख्य द्वार पर ताली बजाने से उसकी गूंज सबसे ऊपरी महल तक पहुँचती है,
जो सुरक्षा संकेत के रूप में काम करती थी।
यह अद्भुत प्रणाली किले की उन्नत इंजीनियरिंग को दर्शाती है।
फतेह दरवाजा (Victory Gate)
यह विशाल दरवाजा लोहे की कीलें लगी हुई लकड़ी से बना है,
जो हाथी के टकराने से भी सुरक्षित रहता था।
रहस्यमयी गुप्त सुरंगें
कहा जाता है कि किले में गुप्त सुरंगें थीं,
जो शाही परिवार को आपातकाल में सुरक्षित निकालने के लिए बनाई गई थीं।
रामदास जेल
इस जेल में भगवान राम के एक भक्त रामदास को कैद किया गया था।
उन्होंने यहाँ दीवारों पर राम के भजन लिखे थे, जो आज भी देखे जा सकते हैं।
महलों और बागों का अद्भुत संयोजन
किले में भव्य महल, हरे-भरे बाग और कई शानदार इमारतें थीं,
जो इसकी समृद्धि को दर्शाती हैं।
कैसे पहुँचे गोलकुंडा किला?
निकटतम हवाई अड्डा: राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद (25 किमी दूर)
रेलवे स्टेशन: हैदराबाद रेलवे स्टेशन (11 किमी दूर)
सड़क मार्ग: हैदराबाद शहर से टैक्सी, बस या ऑटो द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
गोलकुंडा किला घूमने का समय और शुल्क
खुलने का समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹25 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹300
साउंड एंड लाइट शो: शाम को विशेष ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
गोलकुंडा किला भारत की शानदार ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है।
इसकी अनोखी वास्तुकला, रहस्यमयी गूंज प्रणाली और ऐतिहासिक महत्त्व इसे एक अनिवार्य पर्यटन स्थल बनाते हैं।
अगर आप इतिहास, रहस्य और भव्यता को करीब से देखना चाहते हैं,
तो गोलकुंडा किले की यात्रा जरूर करें! 🏰✨=