इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन: अपनी मोहब्बत को व्यक्त करें!
November 15, 2024 2024-11-15 14:51इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन: अपनी मोहब्बत को व्यक्त करें!
इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन: अपनी मोहब्बत को व्यक्त करें!
इश्क़ शायरी जानें इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन, जो हर प्रेमी के दिल में बसी हुई है। प्यार के नए रंग देखें!
#इश्क़ शायरी रोमांटिक शायरी का धमाका
हमें उनके प्यार का नशा बेशुमार है,
हम कैसे कहें कि हमे उनसे प्यार है
इस हकीकत से खूबसूरत कोई ख्वाब नही,
इश्क मर्जी है खुदा की कोई इत्तफाक नहीं
बड़ी-बड़ी दुनिया छोटे-छोटे रास्ते,
बस हम जी रहे हैं सिर्फ तेरे वास्ते
आँखों से आँखे मिली मदहोश हो गये,
हम हमारे न रह कर उसी के हो गये
किसी के लिये किसी की अहमयित खास होती है,
और एक दिल की चाबी दूसरे के पास होती है
खूबसूरत सा वो एक पल था,
पर क्या करे वो मेरा कल था
इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन: मोहब्बत की राहें आसान करें
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो,
सीधे-सीधे क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो
जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर
ये हमारी मोहब्बत है या कुछ और ये तो पता नही,
लेकिन जो तुमसे है, वो किसी और से नही
छिपकली से डरने वाली
वो छिपकली
मेरे लिए पूरी दुनिया से लड़ जाती है
जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर,
तब लोग जिन्दा तो होते हैं, लेकिन किसी और के अंदर
हमे क्या पता था कि मोहब्बत हो जायेगी,
हमें तो बस उनका मुस्कुराना ही अच्छा लगा था
हम इश्क़ के वो मुकाम पर खड़े है,
जहाँ दिल किसी और को चाहे तो गुन्हा लगता है
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता!
किसी को चाहो तो इतना चाहो कि,
किसी और को चाहने की चाहत ही न रहे
दिन भर की थकान दूर हो जाती है,
जब तुमसे अच्छे से बात हो जाती है
काश तुम पूछो मुझे क्या चाहिए,
मैं पकडूं हाथ आपका और कहूं तेरा साथ चाहिए।
चूम लूं तेरे होठों को ये दिल की खुवाईश है,
बात ये मेरी नही ये दिल की फरमाइश है
तुम्हें दिल में हजार बार याद करता हूँ,
मैं तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार करता हूँ
इश्क़ शायरी का नया कलेक्शन: दिल को छू जाए
उनका इतना सा किरदार है मेरे जीने में,
की उनका दिल धड़कता है मेरे सीने में
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं
नजर अंदाज करने वाले, तेरी कोई ख़ता ही नही,
मोहब्बत क्या होती है, शायद तुझको पता ही नही
तू पूछ लेना सुबह से न यकीन हो तो शाम से,
ये दिल धड़कता है सिर्फ तेरे ही नाम
जरूरत नहीं फिक्र हो तुम,
कहीं कह न पाऊं वो जिक्र हो तुम
वो भी क्या जिद थी, जो तेरे-मेरे बीच एक हद थी,
मुलाकात मुकम्मल ना सही, मोहब्बत बेहद थी