दिल की बात शायरी: मोहब्बत का एहसास शब्दों में
November 9, 2024 2024-11-09 15:29दिल की बात शायरी: मोहब्बत का एहसास शब्दों में
दिल की बात शायरी: मोहब्बत का एहसास शब्दों में
दिल की बात शायरी
प्यार की गहराइयों को महसूस करें और दिल की बात शायरी के ज़रिए अपने जज़्बातों को व्यक्त करें।
दिल की बात शायरी: इश्क़ में डूबे अल्फाज़
गुनाह अगर इश्क है तो कोई हर्ज नहीं
वो इंसान ही क्या जो एक खता ना करे
उतर जाते हैं दिल में कुछ लोग इस तरह,
उनको निकालो तो जान निकल जाती है
छोड़ते भी नहीं हाथ मेरा और थामते भी नहीं
ये कैसी मोहब्बत है उनकी गैर भी नहीं कहते
हमें और अपना मानते भी नहीं
जन्नत की सैर करा देता है इश्क़
हर शख्स को दीवाना बना देता है इश्क़
बात मान लो मेरी करलो मोहब्बत
हर दिल को धड़कना सीखा देता है इश्क़
दिल होना चाहिए जिगर होना चाहिए
आशिकी के लिए हुनर होना चाहिए
नजर से नजर मिलने पर इश्क नहीं होता
नजर के उस पार भी एक असर होना चाहिए
रात गुमसूँ है मगर चैन खामोश नही
कैसे कह दू आज फिर होश नही
ऐसा डूबा तेरी आखो की गहराई मैं
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही
दिल की बात शायरी से दिल के जज़्बात बयां करें
खुदा की रहमत में अर्जियां नही चलतीं!
दिलों के खेल में खुदगर्जियां नही चलतीं!
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजूर!
इश्क़ की राह में मनमर्जियां नही चलतीं
निगाह उठे तो सुबह हो झुके तो शाम हो जाये
वो एक बार मुस्कुरा भी दे तो कत्ले आम हो जाये
कुछ लोग प्यार करते हैं निभाने के लिए
कुछ लोग प्यार करते हैं भूल जाने के लिए
प्यार तो ऐसा करो कि
दोनो तड़पे एक दूसरे के पास आने के लिए
मत पूछ की कितनी मोहब्ब्त है
तुमसे ये बेखबर
बारिश की बूंदे भी तुझे छू लें
तो हम बादलों से जलने लगते हैं
जी भर के देखूं तुझे अगर तुझको गवारा हो
बेताब मेरी नजरे हो और प्यार तुम्हारा हो
जान की फिकर हो ना जमाने कि परवा
इक तेरा प्यार सिर्फ और सिर्फ हमारा हो
प्यास को एक कतरा पानी काफी है
इश्क में चार पल की जिंदगी काफी है
डूबने को समंदर में जाएं कहां
उनकी पलकों से टपका वो पानी काफी है
दिल की बात शायरी: आपके जज़्बातों की आवाज़
मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है
दिल की कलम से लिखी ये दास्तां ही काफी है
तीर-ए-तलवार की तुझे क्या जरूरत
कत्ल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है
अपने हाथों से यूं चेहरे को छुपाते क्यों हो
मुझ से शर्माते हो तो सामाने आते क्यों हो
तुम कभी मेरी तरह कर भी लो इक़रार-ए-वफ़ा
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यों हो
नजरे करम मुझ पर इतना ना कर
कि तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं
मुझे इतना ना पिला इश्क़-ए-जाम कि
मैं इश्क के जहर का आदि हो जाऊं
हर आहट पर तेरी ही तलाश है
आँखों को तेरी ही प्यास है
ना याद आओ इतना
कि दिल हमेशा पूछे
धड़कन किसके पास है
वो आँखों से यूँ शरारत करते हैं
अपनी अदा से भी कयामत करते हैं
निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं
और वो हमारी नजरों से शिकायत करते हैं
वो मोहब्बतें जो तुम्हारे दिल में हैं
उसे जुबां पर लाओ और बयां कर दो
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ
हम बस सुने ऐसे बे-जुबान कर दो
दिल की बात शायरी से पाएं प्यार की सच्ची आवाज़
तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें
कुछ ऐसा गुमान होता है
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश नजरों से
कि दिल बेईमान होता है
गुजर रही है जिंदगी ये बड़े ही नाजुक दौर से
मिलता नही सुकून तेरे सिवा किसी और से
कह दो अपनी यादों से की
हमें यूं ना तड़पाया करें
हमेशा चली आती हैं अकेले ही
कभी तुम्हे भी तो साथ ले आया करें
तड़पकर देखो किसी की चाहत में
तो पता चलेगा इंतजार क्या होता है
यूं ही मिल जाए कोई बिना चाहे
तो पता कैसे चलेगा की प्यार क्या होता है
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते
होठों से कुछ कह नही सकते
कैसे बयां करें हम आपको यह दिल का हाल की
तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नही सकते
मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी हैं
सांसों में छुपी ये सांस तेरी है,
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन,
धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी है
दिल धड़कने की वजह तुम हो,
सांसे चलने की वजह तुम हो,
इस दिल को कभी धोखा मत देना
इस दिल की पहली और
आख़िरी मोहब्बत सिर्फ तुम हो
जिंदगी के हर मोड़ पे
मेरा साथ देना,
चाहे दूर रहो मगर हमेशा
दिल के पास रहना
मिलते ही नज़र नज़रों से तुम्हारी,
दुनिया ये सारी बे-फिजूल हो गई
बेइंतहां इश्क़ ने बेपनाह रुलाया है,
तब जाकर आँखों ने ये नूर पाया है
दोस्त भी तू प्यार भी तू
एक भी तू हजार भी तू
गुस्सा भी तू माफी भी तू
जिंदगी के सफर में मेरे लिए काफी है तू
सब तरह का सुकून मुझ में समाया हो
तेरा दिल मुझसे जुड़कर मुझमें आया हो
तू बहुत दूर तक चले मेरे साथ
तुझसे जुदा कभी ना मेरा साया हो