गहरी मोहब्बत शायरी: प्यार भरे लम्हों की सजीवता
November 15, 2024 2024-11-15 14:26गहरी मोहब्बत शायरी: प्यार भरे लम्हों की सजीवता
गहरी मोहब्बत शायरी: प्यार भरे लम्हों की सजीवता
गहरी मोहब्बत शायरी मोहब्बत की दुनिया में डूबकर गहरी मोहब्बत शायरी का लुत्फ उठाएं, जो दिल को रूमानी एहसासों से भर दे।
दिल की गहराइयों से मोहब्बत शायरी की पेशकश
मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए,
बस तुम्हारा वक्त और थोड़ा सा प्यार चाहिए
बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना
मेरी आम सी जिंदगी में बहुत खास हो तुम
पुकार लीजिए प्यार में हमें
हम दौड़े चले आयेंगे,
तुम्हारा दिल ही तो है मेरा आशियाना
इसे छोड़कर अब और कहां जायेंगे
इज्जत का डर है तो मोहब्बत करना छोड़ दो,
इश्क़ की गलियों में आओगे तो चर्चे जरूर होंगे
काश तुम मुझे पुछो सुकून कहा है,
और मैं तुझे सीने से लगाकर कहूँ तुम्हारी बाँहों में
अपनी निगाहो को एक चहरे पर पाबंद रखो
हर सूरत पर मिट जाना तोहीन-ए-वफा होती है
सर्दियों का मौसम और कोहरे का नजारा
चाय के दो cup और इंतजार तुम्हारा
खुद नही जानती वो कितनी प्यारी है
जान है हमारी पर जान से प्यारी है
दूरीयों के होने से कोई फर्क नही पडता वो
कल भी हमारी थी आज भी हमारी है
दोबारा इश्क हुआ तो तुझी से होगा
खफा हूं में बेवफा नहीं
ये दिल तेरी ही यादों से महकता रहेगा,
ये तेरा था तेरा है और तेरा ही रहेगा
नहीं आता मुझे यूँ तुमसे दूर रहकर सुकून से रह लेना
हम तो हर पल तुम्हें देखने की ख्वाहिश रखते हैं
तुम रूठना तो ऐसे रूठना जैसे माँ रूठती हैं,
माँ मेरी सुबह की बात शाम तक भूल जाती हैं
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया,
तू अच्छा लगा और बस लगता चला गया
इतनी गहराई से लिखूँगा अपने पन्नो में तुम्हे,
की पढ़ने वालों को तलब हो जाएगी तुम्हे देखने की
पल पल तुझे याद करना
अब हर पल की आदत बन गई हैं
जिंदगी की सफर में
तेरा साथ चाहिए
मुसाफिर हूँ मैं तेरे प्यार का
मेरे हाथो मे तेरा हाथ चाहिए
गहरी मोहब्बत शायरी: दिल छू जाने वाली बातें
कह नहीं पाएंगे असल में तुम क्या हो
तुम ये खुद ही समझ लो ना मेरी बेचैनियो की दवा हो तुम
तेरी एक झलक में हम खुद को भूला बैठे कसम से
रोज़ तु आईने में खुद को कैसे देखती होगी
मोहब्बत सरेआम नही बस एहसास होना चाहिए,
हम उन्हे चाहते हैं ये पता सिर्फ उन्हें होना चाहिए
तब से मोहब्बत हो गई है खुद से
जब से उसने कहा अच्छे लगते हो
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है
मोहब्बत इतनी कि उसके सिवा कोई और ना भाए,
इंतज़ार इतना कि मिट जाए पर किसी और को ना चाहे
तेरी तस्वीरों में मुझे अपना साया दिखता है,
महसूस करता हूं जो, यह मन वहीं तो लिखता है
मैं गलती करूँ तब भी मुझे सीने से लगा ले,
कोई ऐसा चाहिये जो मेरे हर नखरे उठा ले
आपका साथ हम कुछ इस तरह निभाएंगे,
आपके बुढ़ापे मे हर कदम पर आपका साथ निभाएंगे
दिल पर आये इल्ज़ाम से पहचानते हैं,
अब लोग तो मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं
हर लम्हा तेरी याद का पैगाम दे रहा है
अब तो तेरा इश्क मेरी जान ले रहा हैं
तू देख या न देख इसका गम नही,
पर तेरे न देखने की अदा किसी देखने से कम नही
अगर खोजूँ तो कोई मुझे मिल ही जाएगा
लेकिन तुम्हारी तरह मुझे कौन चाहेगा