Attitude Shayari in Hindi 2024
March 16, 2024 2024-03-16 15:27Attitude Shayari in Hindi 2024
Attitude Shayari in Hindi 2024
Introduction: Attitude Shayari
आजकल के जमाने में हर कोई खुद को फन्ने खां समझता है। जिसे घमंड भी कहा जाता है लेकिन, खुद को इन जैसे लोगों के सामने छोटा ना समझे। इनके सामने खुद हमेशा ऊपर और मजबूत बनाए रखें। क्योंकि आप जितना लोगों के सामने खुद को कमजोर दिखाएंगे। वह उतना ही आपको दबाने की कोशिश करेंगे।
तुम्हे बोहोत मौके दे चुका हु मै,
अब मेरे चौके का इंतजार करो…!
जो भी चाहो सरे आम हो जाएगा,
मेरा नाम ले देना तुम्हारा काम हो जायेगा…!
गुरुर तो मुझमें जरा सा भी नही है,
मगर तोड़ना अच्छे से जानता हु…!
मैं एक ही रूल को मानता हु,
कोई आए तो वेलकम और जाए तो भीड़ कम…!
मुझे डराने वालो की एक कमजोरी है,
ये नही जानते की मेरा इतिहास क्या है…!
हद में रहोगे तो थोड़ा और जी लोगे,
मुझे भी कुत्ते पलने का शोक है…!
सोना समझ कर रक्खा था तुझे अपने पास,
और तूने पीतल के भाव खुद को बेच दिया…!
मुरझाए हुए फूलो को फिर से खिला देंगे,
जिधर भी जायेंगे सिस्टम हिला देंगे…!
तेरी सूरत के जैसे कई इन्सान खरीद दु,
तू तो क्या तेरा खानदान खरीद दु…!
Attitude Shayari in Hindi 2024
चारो तरफ चांद सितारे नजर आएंगे,
मेरी आंखो में देखोगे तो अंगारे नजर आएंगे…!
ये प्यार व्यार मुझे समझ नहीं आता,
मैं बचपन से थोड़े गरम मिजाज का हु…!
कोई बात करनी है आखिर बात क्या है,
तू कोन है पगले तेरी औकात क्या है…!
मेरी बुराई करने वालो से इतना कहूंगा,
शेर कुत्तों के भोकने का जवाब नही देता…!
मेरे भाई शेर को जगाना
और हमे सुलाना मित्र
किसी के बस की बात नही है
और हम वहाँ खड़े होते हैं
जहाँ पर मैटर बड़े होते हैं
बादशाह हो या मालिक सलामी हम नही करते
पैसे हो या कोई राजकुमारी गुलामी हम नही करते
Attitude उतना ही दिखाओ
जितना तुम्हारे सकल पे सूट करें
मेरे पास जुनून है तभी तो
तेरा गुरुर मेरे सामने चकनाचूर है
खफा होने से पहले
मेरी जिंदगी से दफा हो जाना
रूठे हुओ को मनाना
और गैरो को हसाना हमे पसंद नही
ज़रा सा वक़्त क्या बदला नज़र मिलाने लगे
जिनकी औक़ात नहीं थी वह भी सर उठाने लगे
फर्क बहुत है तेरी और मेरी तालीम में
तूने उस्तादों से सीखा है और मैंने हालातो से
अपना कोई क्या बिगाड़ सकता है
अपनी तो क़िस्मत उसने लिखी है
जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता
जिन्हे हम जहर लगते हैं
वो कौनसा हमे शहद लगते हैं
हम बुरे है इसमें कोई शक नहीं
पर कोई बुराई करे
इतना किसी को हक़ नहीं
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते
ज़िंदगी अपनी अंदाज़ में जीनी चाहिए
दूसरों के कहने पर तो
शेर भी सर्कस में नाचते हैं
आप होशियार है अच्छी बात है
पर हमें मुर्ख न समझे यह उससे भी अच्छी बात हैं
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही
शरीफ इतना रहो
जितनी दुनिया रखे
भले ही अपने ख़ास दोस्त कम हैं
पर जितने भी है Nuclear Bomb हैं