Bank New Rule November 2025 1 नवंबर 2025 से लागू हुआ नया बैंक नियम – अब SBI, HDFC, ICICI और अन्य सभी बैंकों में एक अकाउंट के लिए चार तक नॉमिनी जोड़ें, क्लेम सेटलमेंट होगा तेज और आसान, जानें नया प्रोसेस और जरूरी बदलाव।
Bank New Rule November 2025 क्लेम सेटलमेंट अब और भी पारदर्शी और तेज
1 नवंबर 2025 से लागू नए बैंक नियमों के तहत क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और तेज बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य खाताधारकों और उनके नॉमिनियों को बैंकिंग सेवाओं में बेहतर सुविधा देना है। अब यदि किसी खाता धारक का निधन होता है, तो उनके नॉमिनियों को क्लेम के लिए कम समय लगने लगेगा, जिससे वित्तीय सहायता समय पर उपलब्ध हो सकेगी।
1 नवंबर 2025 से बैंकिंग में सबसे बड़ा बदलाव

2025 से भारत के बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है—अब किसी भी बैंक खाते में एक साथ अधिकतम चार नॉमिनी जोड़े जा सकते हैं। सरकार द्वारा बैंकिंग कानून में किए गए संशोधन के बाद यह प्रावधान लागू होगा। इससे खातेधारक अपने परिवार या पसंद के व्यक्ति को आसानी से हिस्सेदार बना सकते हैं, जिससे भविष्य में क्लेम सेटलमेंट भी काफी आसान और विवादरहित होगा। इसमें SBI, HDFC, ICICI सभी प्रमुख बैंक शामिल हैं।
बैंकिंग लॉ (संशोधन) एक्ट 2025 के तहत नए नॉमिनी नियम
नए नियम बैंकिंग लॉ (संशोधन) एक्ट, 2025 के अनुसार लागू हो रहे हैं। अब खाताधारक खुद तय कर सकते हैं कि नॉमिनी का कितना प्रतिशत हिस्सा होगा (जैसे—पहले को 40%, दूसरे को 30% आदि)। लॉकर या सेफ कस्टडी की संपत्ति के लिए केवल क्रमिक नॉमिनेशन ही मान्य होगा—यानी, पहले नॉमिनी के बाद ही दूसरा नॉमिनी हकदार बनेगा। यह बदलाव बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता और सुविधा दोनों ला रहा है।
नॉमिनी जोड़ने की नई ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रक्रिया
अब नॉमिनी जोड़ने या बदलने की पूरी प्रक्रिया और अगर नॉमिनी हटाना है तो उसका भी फॉर्मेट एक ही जैसा होगा और सभी बैंकों में एकसमान लागू किया जाएगा। खाताधारक बैंक ब्रांच जाकर या नेट/मोबाइल बैंकिंग के जरिए नए नॉमिनी जोड़ सकते हैं। बैंकिंग कंपनी (नॉमिनेशन) नियम, 2025 में नॉमिनी जोड़ने, बदलने, हटाने का स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस स्पष्ट किया जाएगा।
क्लेम सेटलमेंट अब और भी पारदर्शी और तेज
चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा और हर नॉमिनी का हिस्सा तय करने की वजह से भविष्य में क्लेम सेटलमेंट बिल्कुल साफ, पारदर्शी और तेज हो जाएगा।
अब नॉमिनी के बीच संपत्ति का बंटवारा विवादों से बचाते हुए तुरंत किया जा सकेगा।
साथ ही, रिक्वेस्ट की स्थिति पर रियल-टाइम अपडेट और
डिजिटल वेरिफिकेशन से बैंकिंग प्रोसेस और ज्यादा यूजर-फ्रेंडली बन जाएगी।
लॉकर और सेफ डिपॉजिट के नए नियम
लॉकर और सेफ डिपॉजिट में रखी चीज़ों के लिए अब सिर्फ क्रमिक नॉमिनेशन की इजाजत होगी।
अगर लॉकर धारक की मृत्यु हो जाती है, तो अगला नॉमिनी ही हकदार होगा
और साथी कागज़ात/हिस्सेदारी भी उसी के नाम ट्रांसफर होगी।
खाताधारक चाहें तो चार नॉमिनी चुन सकते हैं और
उन सबके हिस्से का प्रतिशत भी तय कर सकते हैं, जो कुल मिलाकर 100% होना चाहिए।
अधिकांश बैंकों के लिए अनिवार्य—सबको होगा फायदा
नया नियम SBI, HDFC, ICICI, Axis, PNB समेत सभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों पर लागू होगा।
ये बदलाव ग्राहकों को और अधिक सुविधा एवं सुरक्षा देंगे।
भविष्य में जितने भी नए बैंक अकाउंट, लॉकर या सेफ कस्टडी खुलेंगे,
उन पर यह अनिवार्य रहेगा। पुराने खाताधारक भी अपने नॉमिनी अपडेट कर सकेंगे।
नया बैंक नियम—अपने पैसे और भविष्य की सुरक्षा खुद करें तय
बैंकिंग सेक्टर में यह बदलाव ग्राहकों को अपने पैसों और संपत्ति पर बेहतर नियंत्रण और पारदर्शी व्यवस्था देगा।
बैंकों को भी अब क्लेम प्रक्रिया में कम कागजी काम और तेज निपटारा सुनिश्चित करना होगा।
एक अकाउंट में चार नॉमिनी जोड़ने की छूट मिलने से
अब भविष्य की वित्तीय प्लानिंग और परिवार की सुरक्षा दोनों और आसान हो गई है।









