Mahavir Jayanti 2025: यह दिन भगवान महावीर के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांतों का प्रचार किया। इस दिन जैन समुदाय के लोग उपवासी रहते हैं, पूजा अर्चना करते हैं और उनके उपदेशों का पालन करने का संकल्प लेते हैं। महावीर जयंती शांति, अहिंसा और जीवन में नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा देती है।

महावीर जयंती 2025 कब है?
महावीर जयंती 2025 10 अप्रैल (गुरुवार) को मनाई जाएगी। यह पर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के
जन्मदिवस के रूप में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
महावीर जयंती का महत्व
भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य जैसे पंचशील सिद्धांतों का प्रचार किया।
उनका जीवन हमें करुणा, शांति और त्याग का संदेश देता है।
महावीर जयंती के प्रमुख अनुष्ठान और परंपराएँ
भगवान महावीर की पूजा और अभिषेक
मंदिरों में भगवान महावीर की प्रतिमा का जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
धूप, दीप और फूलों से उनकी आराधना की जाती है।
जैन ग्रंथों का पाठ और प्रवचन
जैन धर्मग्रंथों जैसे आगम सूत्रों का पाठ किया जाता है।
#जैन मुनियों और विद्वानों द्वारा भगवान महावीर के उपदेशों पर प्रवचन दिए जाते हैं।
दान और सेवा कार्य
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान किया जाता है।
जीवदया के तहत पक्षियों और जानवरों को भोजन और पानी दिया जाता है।
रथयात्रा और शोभायात्रा
भगवान महावीर की प्रतिमा को पालकी में विराजित कर शोभायात्रा निकाली जाती है।
भक्तगण भक्ति गीत गाते हुए अहिंसा और सत्य का संदेश फैलाते हैं।
महावीर जयंती पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
अहिंसा, सत्य और संयम का पालन करें।
जरूरतमंदों की सहायता करें और दान दें।
ध्यान, प्रार्थना और साधना करें।
क्या न करें:
किसी भी जीव को हानि न पहुँचाएँ।
नकारात्मक विचारों और क्रोध से बचें।
अनावश्यक भौतिक इच्छाओं से दूर रहें।
निष्कर्ष
महावीर जयंती हमें जीवन में अहिंसा, करुणा और आत्मसंयम अपनाने की प्रेरणा देती है।
10 अप्रैल 2025 को इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएँ और भगवान महावीर के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएँ।
🙏 “अहिंसा परमोधर्मः!” 🙏