आँखों की शायरी: दिल की गहराइयों को छूने वाली
November 9, 2024 2025-02-10 7:27आँखों की शायरी: दिल की गहराइयों को छूने वाली
आँखों की शायरी: दिल की गहराइयों को छूने वाली
आँखों की शायरी : दिल की बात बिना कहे कहने का हुनर पाएं इस खूबसूरत आँखों की शायरी के संग्रह के साथ, जो हर दिल की गहराई को छू जाती है।
मोहब्बत भरी आँखों की शायरी का खजाना

दुआ करते है आपको किसी बात का गम ना हो,
आपकी आँखें किसी बात पर कभी नम ना हो,
हर रोज मिले आपको एक नया दोस्त पर किसी
में हमारी जगह लेने का दम ना हो।

पलके क्या बंद की दीदार तुम्हारा हो गया
इन आंखों में नींद नहीं बस तुम रहते हो

दुश्मन बनी बैठी है यह शहर भर की इमारते
जब से एक महबूब की आंखें गली में लड़ी है

इतने सवाल थे मेरे पास कि मेरी उम्र से न सिमट सके
जितने जवाब थे तेरे पास सभी तेरी एक निगाह में आ गए।

बड़ी दिलकश ग़ज़ल सुनाती है वो,
तेरी नीलकमल के फूल जैसी आंखे

कभी तो मेरी आंखें पढ़ लिया करो,
इनमे तुम्हारा इश्क नजर आता है.

एक तुम ही हो जो इन खूबसूरत आँखों के
पीछे चल रहे विचारों को पढ़ लेते हो!

सुबह तो हो गई पर ये अभी आँख भारी है,
ख्बाव कोई नशे सा अब तक आँखों में है

मस्त आंखों पर घनी पलकों की छाया यूँ थी,
जैसे कि हो मैखाने पर घरघोर घटा छाई हुई

आँखों में बसा लिया तुझे दिल में क्या रखना,
दिल तो वैसे भी धड़कन के लिए होता है

तेरी आँखों की मस्ती में खो जाने का मन करता है,
तेरी हंसी के साये में सो जाने का मन करता है

आँखों से बातें करने की मासूमियत देखी है,
तेरी आँखों में, मैंने जन्नत देखी है
नशीली आँखों की शायरी का दिलकश अंदाज़

तेरी आँखों के दरिया में डूब जाने दे
इस दुनिया से दूर कहीं खो जाने दे

आँखों में छुपे राज़ होते हैं
जो लब्ज़ कभी कह नहीं पाते

आँखों में तेरी झलकता है जो प्यार,
उसे कैसे लफ्ज़ों में बयां करूँ

तेरी आँखों के बिना जिंदगी बेरंग सी लगती है
तू जो मिल जाए तो हर रंग खिलता है

आँखों का ये खेल भी अजीब है
नज़रें मिली और दिल खो गया

तेरी आँखों की चमक में मेरी दुनिया है
तू जो कहे तो मेरी जिंदगी वहीं है

आँखों में बसी है तेरी सूरत
दिल में उतर जाती है तेरी मुरत
जब लफ़्ज़ खत्म हों, आँखों की शायरी बोलती है

तेरी आँखों के सागर में डूब के
जाना चाहता हूँ मैं प्यार के उस पार क्या है

आँखों से बयां होती हैं दिल की बातें
जो लफ्ज़ों में कही नहीं जातीं

तेरी आँखों की दीवानगी में खो बैठा हूँ
तेरी मोहब्बत में ही सो बैठा हूँ।

आँखों की भाषा को समझने वाला
दिल के राज़ को जान जाता है।

आँखों की गहराई में खो जाने की तमन्ना है
तेरे प्यार में डूब जाने की

तेरी आँखों के काजल से
लिख दूँ मैं अपनी मोहब्बत की दास्ताँ

आँखों में छिपे दर्द को पढ़ लेता है कोई
तो समझो वो दिल से अपना है।
जब आंखें बोलें, पढ़ें आँखों की शायरी

आँखों की बातें दिल की सुनती हैं
जब तू सामने हो दुनिया भूल जाती है

तेरी आँखों के इशारे पे चलता है ये दिल
तेरी मोहब्बत में हर गम सहलता है ये दिल।

आँखों की गहराई में जब तू देखे
हर राज़ खुल जाता है

आँखों में तेरी ख्वाबों का जहान है
तेरे बिना ये दिल बेजान है
Comments (18)
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