खुद को किसी एक लक्ष्य से जोड़ो
जो आपको हर रोज सुबह उठने
पर मजबूर कर दे ।
जब तक तुम कुछ नहीं बनोगे तब
तक ना कोई तुम्हें इज्जत देगा
और ना कोई तुमहारी सुनेगा ।
समय बहाकर ले जाता है
नाम और निशां
कोई ‘हम’ में रह जाता है
तो कोई ‘अहम’ में
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा