तुम्हें कभी पूरा लिखूँ कभी अधूरा लिखूँ मैं रातों में बैठकर तुम्हें सवेरा लिखू़ँ मैं जब भी लिखूँ बस इतना लिखूँ मुझे तेरा और तुझे मेरा लिखूँ
मुझे नशा है, तुझे याद करने का… और ये नशा, मैं सरेआम करता हूं