राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
रंग बदलती दुनिया देखी, देखा जग व्यवहार,
दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबार।
कन्हैया को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पूरे खत में सिर्फ कान्हा का ही नाम लिखा।
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम है,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है।