12वीं पास अमेरिका और कनाडा के लोगों के सिस्टम कर रहा था हैक, नोएडा में ठगी करने वाले 11 गिरफ्तार
November 22, 2024 2024-11-22 11:5312वीं पास अमेरिका और कनाडा के लोगों के सिस्टम कर रहा था हैक, नोएडा में ठगी करने वाले 11 गिरफ्तार
12वीं पास अमेरिका और कनाडा के लोगों के सिस्टम कर रहा था हैक, नोएडा में ठगी करने वाले 11 गिरफ्तार
Introduction: 12वीं पास
अंकित तिवारी, नोएडा: सेक्टर-117 के एक फ्लैट को रेंट पर लेकर कॉल सेंटर से
अमेरिका और कनाडा के लोगों को सिस्टम में आए मालवेयर दूर करने के नाम पर ठगा जा रहा था।
500 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने वाले इस गैंग के 11 लोगों को सेक्टर-113
पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें चार नॉर्थ ईस्ट की युवतियां भी शामिल हैं।
सभी को सोशल मीडिया से संपर्क के बाद काम के लिए बुलाया गया था।
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि मामले में नितेश सिंह,
एंड्रयू, लुईस, आकाश सिंह, ऋतिक, विवेक मित्तल, राहुल पासवान, संगीता, टियानारो, यूनिस
और सिमरन कश्यप को गिरफ्तार किया गया है। विवेक मित्तल गैंग को लीड करता है
और वह सिर्फ 12वीं पास है।
इस मामले में उनके कुछ साथियों के बारे में जानकारी हुई है,
उनकी तलाश में टीम को लगाया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 19 लैपटॉप,
20 मोबाइल फोन समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं। उसके डेटा की जांच के लिए फरेंसिक टीम लगाई गई है।
इस मामले में फ्लैट मालिक के बारे में जानकारी की जा रही है।
वेंडर के माध्यम से मिलती थी डिटेल
पूछताछ में विवेक ने बताया कि वह पूर्व में उत्तराखंड से इस प्रकार के मामलों में जेल जा चुका है।
उसने नोएडा में करीब 1 महीने पहले से ही 75 हजार रुपये फ्लैट लेकर यह काम शुरू किया गया था।
डार्क वेब और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की मदद से उनके संबंध में कई ऐसे वेंडर से हैं,
जो अमेरिका और कनाडा में लैपटॉप और कंप्यूटर की सर्विस प्रोवाइड करवाते हैं।
उनके माध्यम से आरोपी उनके क्लाइंट के विडियो पर एक पॉपअप मेसेज भेजते।
इसके बाद सिस्टम में मालवेयर आने की जानकारी दी जाती और
उसे ठीक करने के लिए नोएडा में बैठे लोगों के नंबर दिए जाते,
जहां से ठगी की शुरुआत होती है।
पहले से दी गई स्क्रिप्ट को पढ़कर होती है ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफार्म से संपर्क होने के बाद जॉब ऑफर की गई थी,
जहां उनके एक्सेंट के आधार पर कॉलिंग का काम दिया गया था।
वेंडर के पॉपअप के बाद कॉल आने पर उन्हें स्क्रिप्ट के अनुसार बात करनी होती थी,
जिसके बाद उन्हें एक दूसरा नंबर मालवेयर को हटाने के लिए दिया जाता है।
बिटकॉइन और गिफ्ट कार्ड से होती पेमेंट
डीसीपी ने बताया कि आखिरी कड़ी में गैंग के लोग पीड़ित को फीस के नाम पर 100 से 150 डॉलर पेमेंट के लिए कहते थे।
यह पेमेंट बिटकॉइन और गिफ्ट कार्ड में होती थी,
जिसके बाद आरोपी पीड़ित से संपर्क बंद कर देते थे।
इस पूरी प्रक्रिया में वर्चुअल नंबर का प्रयोग किया जाता था।
साथ ही जांच में हवाला के माध्यम से ठगी के रुपये को इंडिया भेजने की बात सामने आई है।
गैंग के लोगों को कैश में पेमेंट की जाती थी।