सेना अधिकारी अवैध संबंध मामला मई 2025 में सेना के एक कर्नल पर अपने साथी अधिकारी की पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगा। जांच के बाद जनरल कोर्ट मार्शल ने दोषी पाए गए कर्नल को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस विवादास्पद मामले में कोर्ट मार्शल के निर्णय और दोनों पक्षों की कहानी का विस्तृत विवरण।
सेना अधिकारी अवैध संबंध मामला सेना में अनुशासन और नैतिकता के नियम
2025 में भारतीय सेना ने अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम, 2023 के तहत नए नियम लागू किए हैं, जो सेना, नौसेना और वायु सेना में अनुशासन और प्रशासन के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करते हैं। इन नियमों के अनुसार, तीनों सेनाओं के अधिकारी और जवान एकीकृत कमान के अंतर्गत आते हैं, जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई दक्षता से की जा सकेगी।
सेना में अवैध संबंध का मामला – परिचय और पूरा घटनाक्रम

सेना के एक कर्नल ने अपने साथी कर्नल की पत्नी के साथ अवैध संबंध बनाए। यह मामला मई 2025 में सामने आया, जब शिकायतकर्ता कर्नल ने अपनी पत्नी की कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोप लगाए। सेना की जनरल कोर्ट मार्शल ने जांच की और कर्नल को दोषी करार देते हुए नौकरी से बर्खास्त कर दिया। कोर्ट मार्शल की कार्रवाई सेना के अनुशासन की मिसाल बनी।
कोर्ट मार्शल के आरोप और सैन्य कानून
आलोचनाओं में दोषी पाए गए कर्नल पर सेना अधिनियम की धारा 45 के तहत पद और चरित्र के अनुरूप न होने वाले आचरण के आरोप लगे। सबसे गंभीर आरोप महीने भर के दौरान साथी अफसर की पत्नी के साथ होटल में ठहरने व फोन पर संपर्क रखने का था। इसके अलावा धोखाधड़ी से महिला का असली नहीं डिपेंडेंट कार्ड उपयोग करने का आरोप भी था।
सेना के जनरल कोर्ट मार्शल का कार्य-प्रणाली और नेतृत्व
यह केस निर्देशित हुआ हेडक्वार्टर यूनिफॉर्म फोर्स के ब्रिगेडियरजगमिंदर सिंह गिल एवं 6 कर्नल सदस्यों के नेतृत्व में, साथ ही 8वीं माउंटेन डिवीजन के मेजर जनरल के. महेश द्वारा सजा की पुष्टि पर निगरानी रखी गई।कोर्ट मार्शल प्रक्रिया में सभी सबूतों का विस्तार से परीक्षण किया गया।
प्रभावित अधिकारियों और मामले का सामाजिक प्रभाव
अवैध संबंध के खुलासे से सेना में भारी बवाल मचा।
साथी कर्नल की पत्नी के साथ रिश्तों की वजह से सेना अधिकारियों के
बीच भरोसे को हानि पहुंची। मामला राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना,
जिससे सैनिक अनुशासन पर सवाल उठे।
सेना में अनुशासन और नैतिकता – क्या सुधार जरूरी?
सेना में ऐसे मामले अनुशासन और विश्वास को तोड़ते हैं।
इस घटना ने सैन्य नैतिकता की विसंगतियों को उजागर किया है
जो सुधार की मांग करते हैं। नेतृत्व द्वारा सख्त कार्रवाई सही संदेश देती है
कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दोषी कर्नल को मिली सजा और आगे की कार्रवाई
चार आरोपों में तीन में दोषी पाए गए इस कर्नल को सेवा से
बर्खास्तगी का आदेश दिया गया। कोर्ट मार्शल की सजा संयोजक
प्राधिकारी के द्वारा पुष्ट की जानी बाकी है।
यह सजा सेना में अनुशासन बनाए रखने का मजबूत उदाहरण है।
सेना में विवादों से सीख और भविष्य के लिए सुझाव
सेना के इस विवाद से यह सिखने को मिला कि व्यक्तिगत व्यवहार सैन्य
करियर को प्रभावित करता है। अनुशासनहीनता को रोकने के लिए
प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
साथ ही, शिकायतों की पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि सेना की छवि बनी रहे।
 






