यूपी में भट्ठा मालिकों पर शिकंजा यूपी सरकार ने भट्ठा मालिकों के लिए सीजन के अनुसार GST भरना अनिवार्य किया है। राज्य कर विभाग ने सख्त जांच के निर्देश जारी कर भट्ठा उद्योग में पारदर्शिता बढ़ाने और कर चोरी रोकने का कदम उठाया है।
यूपी में भट्ठा मालिकों पर शिकंजा राज्य कर विभाग के सख्त जांच निर्देश
#यूपी में भट्ठा मालिकों पर शिकंजा कसा जा रहा है। राज्य कर विभाग ने सख्त जांच के निर्देश जारी किए हैं, जिसमें भट्ठा मालिकों के यहां कारोबार का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। खासकर कंप्यूटर सिस्टम और बिक्री के आंकड़ों की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भट्ठा मालिक सीजन के हिसाब से जीएसटी भर रहे हैं या नहीं। आईटीआर की समीक्षा भी की जाएगी और दस्तावेज़ समय पर न देने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यूपी में भट्ठा मालिकों पर सख्त शिकंजा, GST भरना अनिवार्य

यूपी सरकार ने भट्ठा मालिकों को बताया कि अब उन्हें सीजन के अनुसार ही GST भरना होगा। इनकी बिक्री और उत्पादन के आंकड़ों की सख्त जांच होगी ताकि कर चोरी रोकी जा सके।
राज्य कर विभाग ने जारी किए सख्त जांच निर्देश
राज्य कर विभाग ने भट्ठा स्थलों और कार्यालयों में छापेमारी और सर्वे की तैयारी शुरू कर दी है। GST भुगतान की पूरी जानकारी मांगी जा रही है और किसी भी गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई होगी।
ईंट भट्ठा उद्योग में पारदर्शिता और कर संग्रह बढ़ाने की योजना
सरकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर भट्ठा मालिकों को पारदर्शी बनाने और कर वसूली बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे उद्योग का व्यवस्थित विकास हो सके।
पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को बढ़ावा
पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार फ्लाई ऐश ईंट और AAC ब्लॉक को बढ़ावा दे रही है।
इससे मिट्टी की खुदाई कम होगी और प्रदूषण पर नियंत्रण मिलेगा।
नई GST दरें और कंपोजीशन स्कीम
भट्ठा उत्पादों पर 12% GST लागू रहेगा। कंपोजीशन स्कीम भी जारी रहेगी
जिससे छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी। GST नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
लगातार सर्वे और जांच से जागरूकता बढ़ेगी
जीएसटी विभाग की टीम हर महीने भट्ठा मालिकों के पास जाकर
उनके कारोबार की समीक्षा करेगी। इससे गलत
रिपोर्टिंग पर अंकुश लगेगा और नियमों का पालन बढ़ेगा।
उद्योग और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदे
नियमित कर संग्रह से सरकार को राजस्व मिलेगा,
जो विकास योजनाओं में लगाया जाएगा। साथ ही पारदर्शिता से ईंट
की कीमतें संतुलित रहेंगी, जिससे उपभोक्ताओं का भी लाभ होगा।







