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प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद प्रयागराज माघ मेला गैर सनातनी ठेकेदारों पर साधु-संत भड़के, प्रशासन को दी सख्त चेतावनी

On: October 23, 2025 11:32 AM
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प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद

प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद प्रयागराज माघ मेला 2026 में साधु-संतों ने गैर सनातनी ठेकेदारों पर बवाल मचाते हुए प्रशासन को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने मांग की कि माघ मेला में केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को ही ठेका और काम करने की अनुमति मिले।

प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद साधु-संतों की गैर सनातनी ठेकेदारों पर आपत्ति

2026 को लेकर साधु-संतों ने गैर सनातनी ठेकेदारों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि माघ मेला एक पवित्र धार्मिक आयोजन है, जहां केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को ही ठेका और काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए। साधु संतों का मानना है कि गैर सनातनी ठेकेदारों में सेवा और समर्पण का भाव नहीं होता, वे केवल आर्थिक लाभ के लिए आते हैं और इससे मेले की पवित्रता प्रभावित होती है।

ठेका विवाद की पृष्ठभूमि

प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद
#प्रयागराज माघ मेला ठेका विवाद

प्रयागराज माघ मेला 2026 में साधु-संतों ने गैर सनातनी ठेकेदारों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मेला एक धार्मिक आयोजन है, जहाँ केवल सनातनी धर्म के अनुयायियों को ही ठेका दिया जाना चाहिए। इस विवाद ने मेला की तैयारियों को भी प्रभावित किया है। प्रशासन से संतों ने उनकी भावनाओं का सम्मान करने और ठेका प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की मांग की है।

साधु-संतों की गैर सनातनी ठेकेदारों पर भावनाएं

संतों ने बताया कि गैर सनातनी ठेकेदारों में सेवा और समर्पण का भाव न होने के कारण वे माघ मेला की पवित्रता को प्रभावित करते हैं। मेला एक आध्यात्मिक आयोजन है, जहां श्रद्धा और भक्ति का माहौल चाहिए। संतों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो वे विरोध प्रदर्शन के लिए भी तैयार हैं।

मक्का का उदाहरण और धार्मिक पवित्रता

साधु-संतों ने मक्का का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे मक्का में केवल मुस्लिमों को ही काम करने का अधिकार होता है, वैसे ही माघ मेले में केवल सनातनी धर्म के अनुयायियों को ठेका मिलना चाहिए। माघ मेला पवित्रता का केंद्र है, और इसे बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।

प्रशासन की तैयारियां और बजट

माघ मेला 2026 के लिए प्रशासन ने 42 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है

और मेला 3 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। प्रशासन ने संतों की मांगों को ध्यान में रखते हुए

तैयारियां तेज कर दी हैं ताकि मेला शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से आयोजित हो।

विरोध प्रदर्शन की संभावना और चेतावनी

संतों ने साफ कहा है कि अगर गैर सनातनी ठेकेदारों को मेला में काम करने की अनुमति दी गई

तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे। उनकी चेतावनी को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है

और वे विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

माघ मेला की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता

माघ मेला सनातन धर्म की आस्था और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

साधु-संतों का कहना है कि इसमें काम करने वाले लोगों में धार्मिक सम्मान होना जरूरी है

ताकि मेले की धार्मिक गरिमा बनी रहे।

माघ मेला 2026 के प्रमुख स्नान पर्व और आयोजन

माघ मेला 2026 में छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि शामिल हैं।

लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था के साथ स्नान करेंगे।

प्रशासन उत्सव की सफलता के लिए भारी व्यवस्था कर रहा है।

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