छठ महापर्व स्वच्छता अभियान छठ महापर्व के अवसर पर चलाये जाने वाले स्वच्छता अभियान का उद्देश्य न केवल पूजा स्थल और घाटों को स्वच्छ रखना है, बल्कि प्रकृति संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता को भी बढ़ावा देना है। जानिए इस अभियान के पहलू और इसका सामाजिक महत्व।
छठ महापर्व स्वच्छता अभियान घाटों और पूजा स्थलों की सफाई के लिए किये गए संगठनात्मक प्रयास
#छठ महापर्व के दौरान घाटों और पूजा स्थलों की सफाई को सुनिश्चित करने के लिए संगठित प्रयास किए जाते हैं। प्रदेश के सभी नगर निगम, जल निगम, विद्युत विभाग, और प्रशासनिक इकाइयां मिलकर इस अभियान को सफल बनाती हैं। इस वर्ष प्रदेशभर में 1,116 घाटों को चिन्हित कर वहां सफाई और जनसुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए गए। करीब 39,050 सफाईकर्मी और स्वयंसेवक तैनात किए गए, तथा 1,366 सफाई वाहन संचालित किए गए।
छठ महापर्व और पर्यावरण संरक्षण

छठ पर्व प्रदूषण-मुक्त पूजा, जल, माटी और वायु की शुद्धता, प्राकृतिक घटकों जैसे केला, गुड़, और मिट्टी के दीपकों का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। यह पर्व हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने और स्वच्छता की सीख देता है.
स्वच्छता का सामाजिक संदेश
छठ पर्व स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाना सिखाता है। यह सामाजिक समरसता के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों को स्वच्छता अभियान में जोड़ता है। घर-घर से सफाई की शुरुआत का संदेश देता है, जिससे पूरे समाज में स्वच्छता की चेतना फैलती है.
घाटों पर स्वच्छता अभियान और जनजागरूकता
छठ के दौरान घाटों और आसपास के क्षेत्रों की विशेष सफाई होती है। स्थानीय प्रशासन, पूजा समितियां और स्वयंसेवक मिलकर स्वच्छता अभियान चलाते हैं, ताकि पूजा स्थल और जल स्रोत प्रदूषण मुक्त रहें। इससे नदी, तालाब और अन्य जल स्रोतों के संरक्षण में मदद मिलती है.
पर्व के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ
छठ के उपवास और पूजा की विधियां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
उपवास शरीर को आराम देता है और मानसिक शुद्धि का माध्यम भी है।
पूजा स्थल की स्वच्छता और प्रदूषण मुक्त वातावरण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.
छठ पर्व में स्वदेशी और जैविक सामग्री का महत्व
छठ पूजा में प्रयुक्त सामग्री जैसे केला, गन्ना, चावल, गुड़ और
मिट्टी के दीपक पर्यावरण के अनुकूल और जैविक होती हैं।
यह स्थानीय संसाधनों को प्रोत्साहित करता है और प्रदूषण को कम करता है.
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की भूमिका
सरकार और स्थानीय प्रशासन छठ के अवसर पर व्यापक स्वच्छता
अभियानों का आयोजन करते हैं। मुख्यमंत्री और अन्य नेतृत्वकर्ता स्वच्छता,
सिंगल यूज प्लास्टिक निषेध और पर्यावरण संरक्षण के लिए जनता को प्रेरित करते हैं.
प्रकृति संरक्षण, सामाजिक एकता और जनजागरूकता का संगम
छठ पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि यह प्रकृति संरक्षण,
सामाजिक एकता और जनजागरूकता का प्रतीक भी है।
यह हमें प्रकृति का सम्मान करना, स्वच्छता बनाये रखना और
 






